नई दिल्ली: शिखर धवन चोट से वापसी करते हुए दिल्ली की रणजी टीम के लिए हैदराबाद के गेंदबाजों का सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि इस मैच में वो दिल्ली के बाकी बल्लेबाजों की तरह हैं न कि कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी क्योंकि वो अपने स्वाभाव के मुताबिक इंटरनेशनल स्टार की तरह नहीं सोचते.
धवन अरुण जेटली स्टेडियम में उतरेंगे, जिसे पहले फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के नाम से जाना जाता था. भारतीय टीम के नियमित सदस्य बनने से पहले धवन रणजी ट्रॉफी मे दिल्ली की कप्तानी भी कर चुके हैं. वो मैदान को अच्छे से जानते हैं और एक बार फिर वो टीम की कप्तानी करेंगे. लेकिन बल्लेबाज के लिए सबसे अहम बाकी खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव को साझा करना है.
उन्होंने कहा,"मैं एक इंटरनेशनल खिलाड़ी की तरह नहीं सोचता. मैं यहां सहज महसूस करता हूं और मैं इस बात को सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हम एक टीम के तौर पर काम करें और मैं अपना अनुभव तथा जानकारी टीम से बाटूं ताकि वो निखर सके. आप मेरा स्वाभाव जानते हैं. अगर मेरी जानकारी युवा खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद हो सकती है तो क्यों नहीं."
धवन से जब पूछा गया कि उन्हें आमतौर पर सीमित ओवरों के बल्लेबाज के तौर पर देखा जाता है, इससे क्या उन्हें परेशानी नहीं होती? उन्होंने कहा कि आलोचक अपना काम कर रहे हैं उन्हें करने दीजिए.
बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा,"आलोचक अपना काम करते हैं और मैं इससे परेशान नहीं होता. अगर उन्हें ये लगता है तो ये उनका विचार है, इसमें मैं क्या कर सकता हूं. मेरे दिल में मैं जानता हूं कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है, लेकिन ये उनके लिए काफी नहीं तो ठीक है. मैं इसे मंजूर करता हूं. मैं सिर्फ सीखता हूं कि मैं और बेहतर कैसे कर सकता हूं. मैं जब इंग्लैंड में था तब मैं अच्छा नहीं कर सका था तो मैंने इस बात को कबूल किया. मैं बाहर चला गया, कोई परेशानी नहीं, मैं वापसी की कोशिश करूंगा."