हैदराबाद :इंग्लैंड के साउथंप्टन के एजेस बाउल क्रिकेट मैदान पर खेले गए इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट मैच से 177 दिनों के बाद क्रिकेट की वापसी हुई. जेसन होल्डर के नेतृत्व वाली टीम विंडीज ने ब्रिटिश टीम पर चार विकेट से शानदार जीत दर्ज की.
मार्च में तेजी से फैले कोरोनावायरस महामारी के कारण चार महीने तक दुनियाभर में क्रिकेट ठप पड़ गया था. इस सीरीज के बारे में हर एक बात अनोखी है, भले ही वो दोनों टीमों के खिलाड़ियों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटीन होना हो या फिर बायोसेक्योर वातावरण में प्रैक्टिस करना. दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर्स' के नाम का नोट लगा कर मैच खेला था.
और फिर बारिश, ये वो चीज है जो कोई भी क्रिकेट फैन मैच के दौरान नहीं देखना चाहता. बारिश ने मैच के इंतजार को और बढ़ा दिया था.
मैच से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने दिखाया था कुछ ऐसा नजारा पहले दिन 17.4 ओवर खेले गए, ये बेहतरीन था. कह सकते हैं कि ये कोविड-19 महामारी के बाद एक टीजर था जिसने दिखाया कि कोरोनावायरस के बाद क्रिकेट कैसा दिखने वाला है.
इस मैच की जब बात होगी तब इस बात किया जाएगा कि इंग्लैंड ने अपना पहला विकेट पहला रन लेते हुए ही गंवा दिया था. दुनियाभर के क्रिकेट पंडित ये कहेंगे कि जर्मेन ब्लैकवुड कितने शानदार हैं जिन्होंने विंडीज को जीत का स्वाद चखा दिया. ये पहली बार हुआ था जब विंडीज ने किसी मजबूत टीम के खिलाफ अपने घर के बाहर की सीरीज में लीड हासिल की हो.
पिछली बार जब विंडीज ने 1-0 की बढ़त 20 साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में ली थी. उससे पहले 1995 में बढ़त बनाई थी और उससे पहले 1988 में विव रिचर्ड्स की कप्तानी में लीड हासिल की थी और वही आखिरी बार था जब वे इंग्लैंड में सीरीज जीते थे. अब जेसन होल्डर की टीम ने कैरेबियाई फैंस को उम्मीद दी है कि 1988 वाला करिश्मा दोहराया जा सकता है.
सीरीज शुरू होने से पहले, विंडीज के बल्लेबाजों पर सवाल खड़े हो रहे थे कि क्या वे इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन और जोफ्रा आर्चर जैसे गेंदबाजों का उनके घरेलू मैदान पर कैसे करेंगे. फिर उन्होंने सभी को गलत साबित कर दिया.
क्रिकेट पंडितों ने अनुमान लगाया था कि विंडीज के गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन देंगे, लेकिन उनके बल्लेबाजों ने सारी लाइमलाइट ले ली. ब्लैकवुड इस मैच के हीरो बन कर उभरे हैं. विंडीज की पहली पारी में ब्लैकवुड ने अपना विकेट आसानी से दे दिया था. एक पल के लिए सभी क्रिकेट फैंस सवाल कर रहे थे कि इस खिलाड़ी को टीम में क्यों लिया.
ब्लैकवुड का ये 29वां टेस्ट मैच था और क्रिकेट वेस्टइंडीज ने उसको पहले ही छह बार ड्रॉप कर चुके थी. हालांकि 27 वर्षीय खिलाड़ी ने दूसरी पारी में जो खेल दिखाया, वो बेहतरीन था और कहना गलत नहीं होगा कि वे दूसरे टेस्ट में भी जरूर नजर आएंगे.
ब्लैकवुड का कैच कई बार इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने छोड़ा था लेकिन जब 199 रनों के टोटल को डिफेंड कर रहे हो तो ऐसी गलती आपको नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा एक अनोखा तथ्य ये भी है कि विंडीज ने 61 टेस्ट मैचों में 55 बार जीत हासिल की जब उनको 200 या उससे कम का लक्ष्य मिला हो.
स्टुअर्ट ब्रॉड और बेन स्टोक्स कैरेबियाई टीम की दूसरी पारी में, इंग्लैंड टीम को स्टुअर्ट ब्रॉड की जरूर कमी खली होगी. आर्चर को छोड़ कर कोई भी दूसरा इंग्लिश गेंदबाज ऐसा नहीं था जिसने घरेलू परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन दिया हो.
आर्चर ही इकलौते ऐसा ब्रिटिश टीम की ओर से गेंदबाज थे जो साउथंप्टन की सूखी पिच पर घातक साबित हुए. उन्होंने विंडीज की दूसरी पारी में शुरुआत में ही दो विकेट ले लिए थे, तब इंग्लैंड के फैंस को विश्वास हो गया था कि ये खिलाड़ी टीम को जीत दिलाएगा. आर्चर ने बल्लेबाजी भी अच्छी की. उन्होंने, हालांकि, 23 रन ही बनाए थे लेकिन उनकी मार्क वुड के साथ साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण थी. वुड के आउट होने के बाद वे फंसा हुआ मसूस करने लगे थे. मैन ऑफ द मैच शैनन गैब्रियल ने आखिर में दो विकेट लेकर विंडीज को 313 पर रोक दिया.
रविवार की सुबह 199 की लीड काफी विशाल नजर आ रही आर्चर पहला स्पेल डालने आए. उनकी पहली गेंद जॉन कैंपबेल की पैर पर आ कर लगा, जिसके तुरंद बाद वे आउट हो कर चले गए. 25 वर्षीय आर्चर ने क्रैग ब्रैथवेट और शाराह ब्रूक्स का विकेट लिया. फिर मार्क वुड ने शाई होप का विकेट ले लिया जिसके बाद विंडीज का स्कोर तीन विकेट खोकर 27 रनों पर आ गया.
फिर उसके बाद रोस्टन चेज और ब्लैकवुड ने विंडीज की पारी को आगे बढ़ाया. दोनों ने 73 रनों की साझेदारी भी निभाई और दूसरी ओर कप्तान बेन स्टोक्स वो सबकुछ कर रहे थे जिससे इनकी साझेदारी टूट जाए. उन्होंने अपने गेंदबाजों का फेरबदल किया, एक पल के लिए दर्शकों तो लगा होगा कि स्टोक्स अपनी गेंदबाजी से असंतुष्ट हैं.
आर्चर फिर गेंद डालने आए और चेज का विकेट ले गए. शेन डॉरिच इस तेज गेंदबाज का सामना करने में थोड़ असहज नजर आ रहे थे फिर भी वे 17 ओवरों तक ब्लैकवुड का साथ दे गए. डॉरिच ने कैच थमा दिया लेकिन स्टोक्स की वो गेंद नो बॉल निकली. डॉरिच इसका फायदा नहीं उठा सके और अगले ही गेंद पर कैच आउट हो गए.
जब मेहमान टीम को जीत के लिए 32 रनों की जरूरत थी जब गेंद स्विंग होनी शुरू हुई लेकिन उन्होंने चार विकेट से जीत दर्ज कर ही ली. भले ही इंग्लैंड ये मैच हार गया लेकिन ये टेस्ट मैच क्रिकेट की वापसी के पहले मैच के तौर पर सफलतापूर्वक हो गया.