हैदराबाद : भारत ने पहली पारी में 244 रन बनाए थे और ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 191 रनों पर समेट दिया था. दूसरी पारी में 53 रनों की बढ़त के साथ उतरी भारत को तीसरे दिन पहले सत्र में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने महज 36 रनों पर ही रोक दिया. ये भारत का टेस्ट में सबसे कम स्कोर है और इसी कारण ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 90 रनों को लक्ष्य मिला. ऑस्ट्रेलिया ने ये लक्ष्य दो विकेट खोकर हासिल कर लिया.
गुलाबी गेंद से खेला गया ये डे-नाइट टेस्ट मैच भारत के लिए भूलने वाला रहा. पहली पारी में कप्तान विराट कोहली के 74 रनों की बदौलत किसी तरह मेहमान टीम ने 244 रन बनाए, फिर रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव की गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 191 रनों पर ही समेट दूसरी पारी में 53 रनों की बढ़त के साथ उतरी.
भारत ने तोड़ा 96 साल पुराना एक अनचाहा रिकॉर्ड
दूसरे दिन का अंत जब भारत ने नौ रनों पर एक विकेट के साथ किया तो वो मैच में ड्राइविंग सीट पर लग रही थी, लेकिन तीसरे दिन जोश हेजलवुड और पैट कमिंस ने कहानी ही पलट दी. पृथ्वी शॉ तो दूसरे दिन ही चार रन बनाकर लौट गए थे. तीसरे दिन हेजलवुड और कमिंस ने भारत को वो रिकॉर्ड बनाने को मजबूर कर दिया जो वो कभी नहीं चाहती थी. दूसरी पारी में भारत 36 रन ही बना पाई जो टेस्ट की एक पारी में उसका न्यूनतम स्कोर है. मोहम्मद शमी को कमिंस की गेंद लगी और वह रिटायर्ड हर्ट हो गए। इसी के साथ 36 रनों पर भारत की पारी समाप्त हो गई.
जीत के लिए आस्ट्रेलिया को 90 रन चाहिए थे जो उसने 21 ओवरों में दो विकेट खोकर बना लिए. ये टेस्ट की एक पारी में भारत का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले उसने 20 जून 1974 में लॉर्डस पर इंग्लैंड के खिलाफ 42 रन बनाए थे. हेजलवुड ने पांच विकेट लेकर अहम योगदान दिया। कमिंस ने चार विकेट लिए.
15 के कुल स्कोर पर नाइटवॉचमैन जसप्रीत बुमराह (2) को कमिंस ने अपनी ही गेंद पर कैच किया। इसके बाद कमिंस की सटीक लाइन लेंथ ने भारत की नई दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (0) को भी पवेलियन भेज दिया. अगले ओवर में हेजलवुड ने मयंक अग्रवाल (9) को टिम पेन के हाथों कैच कराया। मयंक टीम के सर्वोच्च स्कोरर रहे.
उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे खाता भी नहीं खोल पाए. रहाणे को हेजलवुड ने पेन के हाथों ही कैच कराया। यह चारों विकेट 15 के कुल स्कोर पर ही गिरे। कप्तान विराट कोहली चार रन बनाकर कमिंस की गेंद पर कैमरून ग्रीन द्वारा लपके गए. रिद्धिमान साहा (4) और रविचंद्रन अश्विन (0) को हेजलवुड ने आउट किया. टीम के दूसरे सर्वोच्च स्कोर हनुमा विहारी (8) को भी हेजलवुड ने आउट कर अपने पांच विकेट पूरे किए. शमी एक रन पर रिटायर्ड हर्ट हो गए. उमेश यादव चार रन बनाकर नाबाद रहे.
दूसरी पारी में भारत का कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े में नहीं पहुंच सका. टेस्ट में ये 96 साल बाद हुआ है कि एक पारी में टीम का कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को नहीं छू सके। इससे पहले 14 जून 1924 में इंग्लैंड के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका का कोई भी बल्लेबाज पहली पारी में दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंचा था.
90 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने पहला विकेट 70 के कुल स्कोर पर वेड के रूप में खोया जो दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हुए. वेड ने 53 गेंदों पर 33 रन बनाए. दूसरा विकेट मार्नस लाबुशैन का गिरा. छह रन बनाने वाले लाबुशैन को अश्विन ने मयंक के हाथों कैच कराया.
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बर्न्स ने 63 गेंदों पर नाबाद 51 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई. उनके साथ स्टीव स्मिथ भी एक रन बनाकर नाबाद लौटे. इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने डे-नाइट टेस्ट में अपनी बादशाहत बरकरार रखी है. उसने आठ मैच खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है. भारत के साथ यह उसका पहला मैच था, साथ ही एडिलेड में ये उसका पांचवां मैच था और उसने इस मैदान पर भी अपना रिकॉर्ड कायम रखा है.