मुंबई : सुशांत सिंह राजपूत की मौत के साथ ही बॉलीवुड में नेपोटिज़्म के मुद्दे ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है. दरअसल इस बार आरोप एक स्टार्स की तरफ से नहीं बल्कि भारी संख्या में सुशांत के फैंस की तरफ से है. उनका मानना है कि उनके चहेते स्टार्स के साथ बॉलीवुड में एक्टिंग की विरासत पाने वालों ने बेईमानी कर ली है.
इस घटना के बाद से तमाम ऐसे सिलिब्रिटीज़ सामने आने लगे हैं, जिन्होंने इस तरह की समस्या अपने फिल्मी करियर में झेली है. ऐसे में ही प्रियंका चोपड़ा का एक पुराना इंटरव्यू भी जबरदस्त सुर्खियां बटोर रहा है, जिसमें उन्होंने अपने साथ हुई एक ऐसी ही घटना का जिक्र किया था कि उनके हाथ से फिल्म छीन कर किसी और को दे दी गई थी.
प्रियंका का पुराना वीडियो इसलिए वायरल हो रहा है, क्योंकि वह इसमें नेपोटिज़्म के मुद्दे पर खुलकर बोलती दिख रही हैं. हालांकि, वह इस वीडियो में वह यह भी कहती दिख रही हैं कि जिन्हें एक्टिंग विरासत में मिली हो, उस फैमिली में जन्म लेना कोई गलत नहीं.
उन्होंने यह भी कहा था कि जिस तरह आउटसाइडर्स के लिए यहां एंट्री मुश्किल है, वैसे ही स्टार किड्स के लिए फैमिली के नाम को बनाए रखने का प्रेशर अलग होता है और उनका मानना है कि हर एक्टर की अपनी अलग जर्नी होती है.
नेपोटिज़्म पर बोलीं प्रियंका
प्रियंका को इंडस्ट्री में जिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा, उन्होंने इस बारे में भी बातें कीं. उन्होंने कहा कि उन्हें कई फिल्मों से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया था क्योंकि इसके लिए किसी और का सुझाव दिया गया था. वह बहुत रोईं, लेकिन फिर मैंने इसपर काबू पा लिया.
इसी इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा कि भले ही उन्हें असफल होने का डर नहीं था, लेकिन जब ऐसा होता तो उन्हें काफी गुस्सा आता था. उन्होंने इंडस्ट्री के कॉम्पिटिशन पर बातें करते हुए कहा था कि सेलिब्रिटीज़ की लाइफ को उन्होंने मैराथन रेस की तरह देखा है, जिनपर कई जिम्मेदारियां हैं. उन्होंने कहा कि कैसे जब एक सेलिब्रिटी की तबीयत खराब हो जाती तो कैसे सेट पर काम करने वाले 300 लोगों को उस दिन के पैसे नहीं मिलते.
उन्होंने यह भी कहा है, 'नेपोटिज़्म और बॉलीवुड साथ-साथ चलते हैं, लेकिन पिछले कुछ साल में ऐसे एक्टर सामने आए हैं जो इसे तोड़ने में सफल रहे हैं उन एक्टर्स ने अपनी अलग पहचान बनाई है और यही मैं भी करने की कोशिश कर रही हूं,'
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उन्होंने कहा था, 'मेरे लिए ये बहुत मुश्किल था. मैं यहां किसी को नहीं जानती थी, जब मैंने यहां कदम रखा तब हर कोई यहां एक-दूसरे का दोस्त था. मैं नेटवर्किंग में बहुत अच्छी नहीं थी, ज्यादा पार्टीज में भी नहीं जाती थी इसलिए मेरे लिए भी थोड़ा मुश्किल था. फिर मैंने इस सच्चाई को स्वीकार किया और फैसला किया कि मुझे इन सब चीजों से डरना नहीं है.