कोच्चि :सिनेमा इस वक्त अच्छे दौर से गुजर रहा है. हर तरह की फिल्में यहां देखने को मिल रही है. दर्शकों की बात करें तो उन्हें एक्शन और थ्रिलर मूवी पसंद आ रही है, लेकिन इसके विपरीत मलयालम स्टार पृथ्वीराज सुकुमारन का मानना है कि ऐसे दौर (महामारी और लॉकडाउन) से उभरने के लिए हैप्पी फिल्में दिखाने की ज्यादा जरूरत है.
'मलयालम सिनेमा में हैप्पी फिल्मों की कमी'
मलयालम स्टार पृथ्वीराज सुकुमारन का मानना है कि इंडस्ट्री में 'खुशहाल फिल्मों' की कमी है. उनके मुताबिक इसकी वजह वो माहौल है जिसका हर कोई पिछले डेढ़ साल से सामना कर रह रहा है.
अभिनेता का कहना है कि उन्हें लगता है कि इसका मुख्य वजह है कि हम सभी फिल्म निर्माता, अभिनेता और निर्माता निहित फिल्मों के बारे में सोचने के लिए मजबूर थे. ऐसी फिल्में जो इन परिस्थितियों से बाहर निकाल सकती हैं.
वह कहते हैं कि अक्सर, जब आप इन लाइन्स पर सोचना शुरू करते हैं, तो आप जिस शैली की ओर भटकते हैं वह या तो एक थ्रिलर होती है या फिर 'जोजी' (Joji) की तरह वास्तविक जीवन पर डार्क सटायर (dark satire). जब आप खुशहाल फिल्मों के बारे में सोचना शुरू करते हैं, ऐसी फिल्में जिनमें बहुत सारे अभिनेता, हंसी, खुशी, कॉमेडी और संगीत होते हैं तो यह आपको सोचने में बड़ा लगता है. क्योंकि ऐसी फिल्मों में कई लोकेशन और कई लोग होते हैं. इसलिए जब आप सोचते हैं कि किस तरह की फिल्म आपको इन परिस्थितियों (महामारी और लॉकडाउन) सें बाहर निकाल सकती है तो आप आमतौर पर उन लाइन्स के बारे में नहीं सोचते.
'ब्रो डैडी' एक खुशहाल फिल्म
अभिनेता ने 2019 में फिल्म 'लूसिफर' (Lucifer) के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की थी. अब वह हाल ही में घोषित 'ब्रो डैडी' (Bro Daddy) के निर्देशन के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उनके अलावा, यह फिल्म सुपरस्टार मोहनलाल की वजह से भी सुर्खियां बटोरेगी. पृथ्वीराज इसे एक खुशहाल फिल्म बताते हैं.