दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sitara

मलयालम सिनेमा में एक खुशहाल फिल्म को याद कर रहे हैं : पृथ्वीराज सुकुमारन - मलयालम सिनेमा में एक खुशहाल फिल्म की कमी

मलयालम स्टार पृथ्वीराज सुकुमारन का मानना है कि इंडस्ट्री में 'खुशहाल फिल्में' कम हैं. उनके मुताबिक इसकी वजह वो माहौल (महामारी और लॉकडाउन) है जिसका हर कोई पिछले डेढ़ साल से सामना कर रह रहा है.

पृथ्वीराज सुकुमारन
पृथ्वीराज सुकुमारन

By

Published : Jun 23, 2021, 5:25 PM IST

कोच्चि :सिनेमा इस वक्त अच्छे दौर से गुजर रहा है. हर तरह की फिल्में यहां देखने को मिल रही है. दर्शकों की बात करें तो उन्हें एक्शन और थ्रिलर मूवी पसंद आ रही है, लेकिन इसके विपरीत मलयालम स्टार पृथ्वीराज सुकुमारन का मानना है कि ऐसे दौर (महामारी और लॉकडाउन) से उभरने के लिए हैप्पी फिल्में दिखाने की ज्यादा जरूरत है.

'मलयालम सिनेमा में हैप्पी फिल्मों की कमी'

मलयालम स्टार पृथ्वीराज सुकुमारन का मानना है कि इंडस्ट्री में 'खुशहाल फिल्मों' की कमी है. उनके मुताबिक इसकी वजह वो माहौल है जिसका हर कोई पिछले डेढ़ साल से सामना कर रह रहा है.

अभिनेता का कहना है कि उन्हें लगता है कि इसका मुख्य वजह है कि हम सभी फिल्म निर्माता, अभिनेता और निर्माता निहित फिल्मों के बारे में सोचने के लिए मजबूर थे. ऐसी फिल्में जो इन परिस्थितियों से बाहर निकाल सकती हैं.

वह कहते हैं कि अक्सर, जब आप इन लाइन्स पर सोचना शुरू करते हैं, तो आप जिस शैली की ओर भटकते हैं वह या तो एक थ्रिलर होती है या फिर 'जोजी' (Joji) की तरह वास्तविक जीवन पर डार्क सटायर (dark satire). जब आप खुशहाल फिल्मों के बारे में सोचना शुरू करते हैं, ऐसी फिल्में जिनमें बहुत सारे अभिनेता, हंसी, खुशी, कॉमेडी और संगीत होते हैं तो यह आपको सोचने में बड़ा लगता है. क्योंकि ऐसी फिल्मों में कई लोकेशन और कई लोग होते हैं. इसलिए जब आप सोचते हैं कि किस तरह की फिल्म आपको इन परिस्थितियों (महामारी और लॉकडाउन) सें बाहर निकाल सकती है तो आप आमतौर पर उन लाइन्स के बारे में नहीं सोचते.

'ब्रो डैडी' एक खुशहाल फिल्म

अभिनेता ने 2019 में फिल्म 'लूसिफर' (Lucifer) के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की थी. अब वह हाल ही में घोषित 'ब्रो डैडी' (Bro Daddy) के निर्देशन के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उनके अलावा, यह फिल्म सुपरस्टार मोहनलाल की वजह से भी सुर्खियां बटोरेगी. पृथ्वीराज इसे एक खुशहाल फिल्म बताते हैं.

पृथ्वीराज बताते हैं कि उन्हें अपने अगले निर्देशन के साथ बहुत पहले आना था, जो 'लूसिफर' का सीक्वल माना जाता. यह बहुत बड़ी फिल्म थी. अगर चीजें वैसी होतीं जैसी वह चाहते थे, तो इस साल यह फिल्म शूट की जाती, लेकिन स्पष्ट कारणों से वह इसे शुरू ही नहीं कर सके. वह कहते हैं कि उन्हें ऐसा लगता है कि वह पिछले डेढ़ साल में मलयालम सिनेमा में एक खुशहाल फिल्म को बेहद याद कर रहे हैं. उन्होंने केरल में जो भी कंटेंट देखें हैं, वह डार्क हैं. यह या तो एक मर्डर मिस्ट्री है या एक डार्क सटायर है या फिर एक इंवेस्टिगेटिव थ्रिलरहैं.

मलयालम सिनेमा में अच्छा कंटेंट मिलता है

अभिनेता-फिल्म निर्माता कहते हैं क्योंकि सभी एक खुशहाल फिल्म को याद कर रहे थे, इसलिए जब दो लेखक ने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई तो यह उन्हें दिलचस्प लगी. उसके बाद उन्होंने जूम कॉल पर मोहनलाल को यह आइडिया सुनाया जिसपर मोहनलाल ने अपनी सहमती जताई.

बता दें, पृथ्वीराज ने रानी मुखर्जी के साथ 2012 की फिल्म 'अइया' (Aiyaa) से अपने बॉलीवुड कैरियर की शुरुआत की थी और बाद में उन्हें 'औरंगजेब' (2013) और 'नाम शबाना' (2017) जैसी फिल्मों में देखा गया. हालांकि, उसके बाद से वह बॉलीवुड फिल्मों में कम ही दिखाई देते हैं.

मलयालम सिनेमा को लेकर वह कहते हैं उन्होंने कई स्क्रिप्ट सुनी हैं, लेकिन मलयालम सिनेमा में अच्छा कंटेंट मिलता है.

पढ़ें :विवादों के बीच रिलीज हुआ खेसारी का बोल्ड सांग 'नाच के मलिकिनी', 50 लाख से ज्यादा व्यूज

अभी, पृथ्वीराज अपनी अगली फिल्म, डार्क मिस्ट्री थ्रिलर 'द कोल्ड केस' के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मलयालम फिल्म की शूटिंग उनके लिए एक नया अनुभव था.

(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details