मुंबई : फिल्मकार सुभाष घई ने कोरियोग्राफर सरोज खान की मौत को 'व्यक्तिगत क्षति' बताया है और कहा है कि वह भारतीय सिनेमा में कोरियोग्राफी के इतिहास में हमेशा जीवित रहेंगी.
सुभाष के करियर की लगभग सभी सबसे बड़ी फिल्मों में सरोज खान को हिट गानों के लिए बुलाया गया. इनमें 'हीरो' (1983), 'कर्मा' (1986), 'राम लखन' (1989),'खलनायक' (1993),'परदेस' (1997), 'ताल' (1999), 'यादें' (2001) और 'किस्ना' (2005) शामिल हैं.
Image Courtesy : Social Media सुभाष ने शुक्रवार को सरोज खान के बारे में बात करते हुए एक भावनात्मक वीडियो साझा किया.
वह वीडियो में कह रहे हैं, "सरोज खान. मेरी सबसे बड़ी व्यक्तिगत क्षति. सिनेमा में मेरी यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा - सरोज जी. हिंदी सिनेमा में शास्त्रीय नृत्य को जीवित रखना सरोज खान का काम था. बदलाव आया है और बदलाव आएगा, लेकिन अब सरोज खान नहीं करेंगी. हम सब उनके छात्र बनकर मास्टर्स बने हैं. सिनेमा उन्हें हमेशा याद रखेगा. मैं क्या कहूं, मेरे पास कोई शब्द नहीं है. मैं दुखी हूं."
वीडियो के साथ उन्होंने एक संदेश भी साझा किया, जहां उन्होंने कहा कि वह मीनाक्षी शेषाद्री, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला और ऐश्वर्या राय जैसे सितारों को संवारने में एक मजबूत भागीदार थीं.
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मीनाक्षी शेषाद्री ने सुभाष के 'हीरो' में काम किया. माधुरी ने 'राम लखन' और 'खलनायक' जैसी हिट फिल्मों में काम किया, दोनों में सरोज खान द्वारा कोरियोग्राफ किए गए सुपरहिट गाने थे. मनीषा कोइराला ने सुभाष की 1991 की हिट फिल्म 'सौदागर' से अपनी शुरुआत की, जिसमें कई हिट गीत और नृत्य निर्देशन थे, जबकि 'ताल' में ऐश्वर्या राय का नृत्य आज भी एक राग है.
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सुभाष आगे कह रहे हैं, "एक युग खत्म हो गया. बिल्कुल मेरी व्यक्तिगत क्षति. वह हमारे मुक्ता आर्ट्स परिवार का अभिन्न हिस्सा थीं-माधुरी मीनाक्षी, मनीषा और ऐश्वर्या जैसे सितारों को संवारने में वह मेरी मजबूत साथी थीं. गुरुओं की गुरु. सरोज खान भारतीय सिनेमा के लिए कोरियोग्राफी के इतिहास में वास्तव में रहेंगी. बाय जान. रेस्ट इन पीस."
इनपुट-आईएएनएस