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'द अनकिस्ड गर्ल ऑफ इंडिया' निम्मी का निधन

18 फरवरी, 1933 को आगरा में जन्मीं नवाब बानो, जिन्हें सारी फिल्म इंड्स्ट्री निम्मी के नाम से जानती है बीती शाम दुनिया को अलविदा कह गईं. 'अनकिस्ड गर्ल ऑफ इंडिया' कहकर भी पुकारी जाने वाली निम्मी को उनके शानदार अभिनय कौशल के लिए हमेशा याद रखा जाएगा.

'द अनकिस्ड गर्ल ऑफ इंडिया' निम्मी का निधन
'द अनकिस्ड गर्ल ऑफ इंडिया' निम्मी का निधन

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Published : Mar 26, 2020, 9:40 PM IST

मुंबई : साल1952 में, महबूब खान की 'आन' पहली भारतीय फिल्म थी जिसे दुनिया भर में रिलीज किया गया था. दिलीप कुमार, प्रेमनाथ, निम्मी और नादिरा के किरदारों से सजी आन भारत की पहली टेक्नीकलर फिल्म भी थी. आन का लंदन में एक बेहद भव्य प्रीमियर रखा गया था, जिसमें निम्मी को कई पश्चिमी फिल्मी हस्तियों से मिलने का मौका मिला.

हॉलीवुड दिग्गज एरोल फ्लिन उन बड़े लोगों में से एक थे जिन्होंने 'आन' के प्रीमियर में भाग लिया था. हॉलीवुड के स्वर्ण युग से रोमांटिक स्टार फ्लिन ने प्रीमियर पर निम्मी का हाथ चूमने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने यह कहकर अपना हाथ दूर खींच लिया, "मैं एक भारतीय लड़की हूं, आप ऐसा नहीं कर सकते. इस घटना को मीडिया द्वारा कैद कर लिया गया और निम्मी 'अनकिस्ड गर्ल ऑफ इंडिया' (जिसे चूमा नहीं जा सकता) के रूप में मशहूर हो गईं.

वह थीं नवाब बानो, जिन्होंने राज कपूर की 1949 में रिलीज़ हुई फिल्म बरसात से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की, यह कपूर की पहली बड़ी हिट थी. वास्तव में, निम्मी का स्क्रीन नाम उन्हें कथित तौर पर कपूर द्वारा ही दिया गया था. बरसात की शूटिंग पूरी होने से पहले, निम्मी राज की राखी बहन बन गईं और उन्हें कपूर घराने द्वारा उचित सम्मान दिया गया.

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उनके स्क्रीन नाम, निम्मी की ही तरह उनके असली नाम नवाब बानो से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी भी है. स्वतंत्र भारत में निम्मी के नाना छोटे जमींदार थे. उन दिनों कुछ लोग नवाब की उपाधि से पहचाने जाते थे तो उनके नाना भी इसे पाना चाहते थे. इसलिए, जब वह पैदा हुईं, तो उन्होंने उसे उपाधि दी और कहा कि जब तक वह जिंदा हैं निम्मी को नवाब साब ही पुकारा जाए.

निम्मी का जन्म आगरा में 18 फरवरी, 1933 को वाहिदन नामक एक मुस्लिम दरबारी के घर नवाब बानो के रूप में हुआ था. उनके पिता अब्दुल हकीम एक सैन्य ठेकेदार थे. जब वह महज11 वर्ष की थीं, तो उनकी मां का निधन हो गया और निम्मी अपने नाना के साथ रहने के लिए ऐबटाबाद चली गई. 1947 में विभाजन के बाद, जब ऐबटाबाद पाकिस्तान गया, तो निम्मी की नानी भारत में रहने के लिए मुंबई चली गईं. यहीं से निम्मी का बॉलीवुड कनेक्शन शुरू हुआ, क्योंकि उनकी नानी की दूसरी बेटी, ज्योति एक समय की अदाकारा थीं, और ज्योति के पति जीएम दुर्रानी एक प्रसिद्ध पार्श्व गायक और संगीतकार थे.

पचास और साठ के दशक में, निम्मी का स्टारडम अपने शिखर पर था. अभिनेत्री ने ज्यादातर शीर्ष अभिनेताओं के साथ फिल्मों में काम किया, विशेष रूप से उस युग की बॉलीवुड तिकड़ी- राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद. उनकी सबसे पहली रिलीज़ 1951 में देव आनंद अभिनीत फली मिस्त्री की फिल्म सजा थी. उसी वर्ष, उन्होंने नितिन बोस की दीदार में दिलीप कुमार और अशोक कुमार के साथ काम किया.

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अपने अभिनय कौशल के दम पर अभिनेत्री सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गईं और अपनी शानदार परफॉर्मेसेस से उन्होंने उस वक्त में अपने वफादार प्रशंसक बना लिए जब स्क्रीन पर नरगिस, नूतन, मधुबाला और मीना कुमारी जैसी अदाकाराओं का राज था.

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फिल्म पूजा के फूल में निम्मी ने एक अंधी लड़की गौरी का किरदार निभाया था. फिल्म में निम्मी के प्रदर्शन ने खूब तालियां बटोरीं.

हालांकि उन्होंने कई तरह की भूमिकाओं में अपने अभिनय से सभी का दिल जीता, लेकिन निम्मी खुद की आलोचक के रूप में थोड़ी कठोर थीं और उनके अनुसार उनकी फिल्मोग्राफी में एक भी भूमिका ऐसी नहीं थी जिसने उन्हें खुश किया हो.

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एक पुराने साक्षात्कार में, निम्मी ने कहा, "मैं बहुत बेहतर भूमिकाएं कर सकती थी. किसी ने वास्तव में मुझे रोमांचक भूमिका नहीं दीं. एक कलाकार की बेचैनी इन सभी वर्षों के बावजूद अभी भी मेरे भीतर है. मैं पूरी तरह से अपने एक भी प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हुई हूं.”

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1965 में, निम्मी ने पटकथा लेखक अली रज़ा से शादी की, जो महबूब स्टूडियो से जुड़े थे. कथित तौर पर, युग के एक लोकप्रिय हास्य अभिनेता, मुकरी और निम्मी की हेयरड्रेसर ने दोनों के बीच मैचमेकर की भूमिका निभाई थी. अभिनेत्री ने शादी के बाद परिवार शुरू करने के लिए अपने करियर को छोड़ दिया. दो गर्भपात के बाद निम्मी ने अपनी बहन के बेटे को गोद लिया, जो अब लंदन में रहता है. 2007 में उनके पति रज़ा का निधन हो गया था.

हाल के दिनों में, निम्मी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वह अस्पताल में ज्यादा वक्त बिता रही थीं. 88 वर्षीय अभिनेत्री ने लंबी बीमारी के बाद बुधवार को अंतिम सांस ली और हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गईं.

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