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Birthday Special: फर्स्ट लेडी ऑफ सिनेमा, अपने अभिनय से बनाया सबको दिवाना!.... - नरगिस दत्‍त

नरगिस दत्त के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कहीं अनसुनी बातें....

Nargis Dutt Birthday Special

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Published : Jun 1, 2019, 12:51 PM IST

मुंबई : नरगिस दत्‍त भारतीय सिनेमा की बेहतरीन ऐक्‍ट्रेस मानी जाती हैं. उनकी ऐक्टिंग इतनी बेमिसाल थी कि महज 20 साल की उम्र में वह 8 फिल्‍में कर फिल्‍म इंडस्‍ट्री का चमकता सितारा बन चुकी थीं. कहा जाता है इसी दौरान इत्‍तेफाकन उनकी मुलाकात राज कपूर से हुई और कुछ ही समय बाद दोनों के बीच प्‍यार हो गया.

यह जोड़ी को दर्शकों खूब पसंद आई, लेकिन जब नरगिस को इस बात का अहसास हुआ कि वह उनसे शादी नहीं करेंगे तो वह बुरी तरह से टूट गईं, इसके बाद उनकी जिंदगी में सुनील दत्‍त आए. तो आइए नरगिस के बर्थडे पर जानते हैं कुछ और खास बातें....
बेमिसाल स्क्रीन प्रजेंस, कमाल की अदाकारी और सबसे अलग अदाओं ने नरगिस को बॉलीवुड में खास और अलग अभिनेत्री बनाया. उनकी जगह ना कभी किसी ने ली और ना ही कभी कोई ले पाएगा.
दिग्गस प्रोड्यूसर और डायरेक्टर महबूब खान का नरगिस को अपनी फिल्म तकदीर में लीड एक्ट्रेस के तौर पर चुनना नरगिस की तकदीर बदल देने वाला फैसला था. इन्होंने फिल्मों के जरिए फातिमा रशीद नाम की लड़की को बॉलीवु़ड में एक नया नाम दिया और वो था नरगिस.हालांकी, 'तकदीर' नरगिस की डेब्यू फिल्म नहीं थी क्योंकि उन्होंने महज 6 साल की उम्र में अपनी माँ जद्दन बाई की प्रोड्यूस की गई फिल्म 'तलाशे हक़' में बेबी रानी का रोल प्ले किया था और यही उनकी पहली फिल्म थी.
भले ही उनकी फिल्म 'ताकदीर' ने उन्हें रातों रात स्टार ना बनाया हो, लेकिन फिल्म निर्माताओं को ये शर्मीली, उदास और बड़ी आँखों वाली शांत लड़की के टैलेंट की पहचान हो गई थी, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से सबका दिलो में खास जगह बना ली.नरगिस 1950 के दशक की एक ऐसी महीला बनीं जिन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बनाई. हिंदी सिनेमा में उनके महान योगदान के लिए, नरगिस को 'भारतीय सिनेमा की पहली महिला' माना गया.
'अंदाज़' और 'जोगन' जैसी फ़िल्मों में जहाँ उन्हें आंतरिक संघर्षों को चित्रित करने की आवश्यकता थी, वहीं नरगिस ने दिखा दिया कि उनका शिल्प कितना सहज था।पर्दे पर राज कपूर के साथ नर्गिस की जोड़ी की वजह से नरगिस की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में आर.के फ़िल्म्स की एक खास जगह है. 'आग', 'बरसात', 'आवारा' और 'श्री 420' जैसी फिल्मों ने नरगिस और राज कपूर के शानदार प्रदर्शन से उन्हें हिंदी सिनेमा की एक प्रतिष्ठित जोड़ियों में से एक बना दिया.अकैडमी अवार्ड के लिए चुनी गई फिल्म मदर इंडिया में राधा के रोल से नरगिस ने हिंदी सिनेमा के इतिहास में हमेशा हमेशा के लिए अपना नाम दर्ज करवा दिया. महबूब खान के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड मिला. 'तकदीर' नरगिस के फिल्मी सफर में मील का पत्थर साबित हुई. कहना गलत नहीं होगा की तकदीर ने ही नरगिस की तकदीर बदल कर रख दी.
साल 1967 में आई फिल्म रात और दिन भी नरगिस की सफल फिल्मों मे से एक थी. इस फिल्म में उनके रोल के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस की श्रेणी नेशल फिल्म अवार्ड भी मिला. वो इस श्रेणी में जीतने वाली पहली अभिनेत्री बन गईं. सच ही तो है, नरगिस हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक अनोखा नाम थीं जिन्हें हम हमेशा गर्व से याद करेंगे

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