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बॉलीवुड सेलेब्स ने की प्रवासी श्रमिक के रूप में मां दुर्गा की मूर्ति की तारीफ - टिस्का चोपड़ा

कोरोना वायरस की वजह से दुर्गा पूजा की धूम इस साल हर बार की तरह नहीं है. लेकिन इस संकट के बीच एक मूर्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है. मूर्ति के द्वारा मां दुर्गा को एक महिला प्रवासी श्रमिक के रूप में दिखाया गया है, वहीं सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिक और गणेश दुधमुंहे बच्चों के तौर पर दिखाए गए हैं. दास और भौमिक द्वारा किए गए इस प्रयास ने कई बॉलीवुड हस्तियों का ध्यान खींचा है.

Ma Durga idol as migrant worker impresses B'wood stars
बॉलीवुड सेलेब्स ने की प्रवासी श्रमिक के रूप में मां दुर्गा की मूर्ति की तारीफ

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Published : Oct 19, 2020, 2:43 PM IST

कोलकाता : शहर में हर साल दुर्गा पूजा समितियां पंडाल और मूर्तियों के नए-नए कॉन्सेप्ट और विषयों को लेकर प्रतिस्पर्धा करते नजर आते हैं.

लेकिन इस साल कोविड के डर से ऐसा नहीं हो पा रहा है, लिहाजा अब कोशिश इनोवेटिव होने की है.

शहर में लोकप्रिय पूजा में से एक बेहाला की बारिशा क्लब दुर्गा पूजा है. इस साल यहां मां दुर्गा को एक महिला प्रवासी श्रमिक के रूप में दिखाया गया है, वहीं सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिक और गणेश दुधमुंहे बच्चों के तौर पर दिखाए गए हैं.

लॉकडाउन के दौरान अपने घरों के लिए पैदल निकले लाखों प्रवासी श्रमिकों के सम्मान में यह आइडिया कॉन्सेप्ट डिजाइनर रिंटू दास ने महिला श्रमिकों को समर्पित किया है और बंगाल के नादिया जिले के कृष्णानगर के मूर्तिकाल पल्लब भौमिक ने इसे आकार दिया है.

दास और भौमिक के इस प्रयास ने कई बॉलीवुड हस्तियों का ध्यान खींचा है और अब इस दुर्गा मूर्ति की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं.

अभिनेत्री रवीना टंडन ने इस दुर्गा प्रतिमा की एक फोटो साझा करते हुए ट्वीट किया, "मूर्तिकार पल्लब भौमिक द्वारा इस वर्ष के पूजो के लिए कोलकाता के प्रमुख पंडालों में से एक की यह प्रतिमा, जिसमें मां दुर्गा अपने बच्चों के लिए प्रवासी माता-पिता के रूप में हैं."

उर्मिला मातोंडकर ने ट्वीट किया, "लोग आपको क्या बताते हैं, यह मायने नहीं रखता लेकिन शब्द और विचार दुनिया बदल सकते हैं - बंगाल के कलाकार पल्लब भौमिक द्वारा मां दुर्गा का सबसे तेजस्वी चित्रण. मां दुर्गा अपने बच्चों के साथ प्रवासी श्रमिक के रूप में."

टिस्का चोपड़ा ने पोस्ट किया, "देवी दुर्गा अपने बच्चों के साथ एक प्रवासी मां के रूप में यहां पहुंची."

सयानी गुप्ता ने लिखा, "यही वजह है कि बंगाल की दुर्गा मूर्तियां प्रतिनिधित्व और समावेशिता के मामले में हमेशा आगे रही हैं."

उधर भौमिक चकित हैं, उन्हें पता ही नहीं है कि उनकी ये रचना इस कदर लोकप्रिय हुई है. उन्होंने आईएएनएस से कहा, "मैं सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय नहीं रहता हूं इसलिए मुझे पता ही नहीं था कि बॉलीवुड सितारों को मेरी रचना पसंद आई है. मुझे यह बताने के लिए धन्यवाद, मैं बहुत खुश हूं."

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वहीं कलाकृति को लेकर भौमिक ने कहा, "इस मूर्ति को बनाने में मुझे दो महीने लगे. यह फाइबर ग्लास से बनी है. रिंटू दास ने इसकी थीम तैयार की थी और मैंने उनके निर्देशानुसार मूर्ति बनाई."

कॉन्सेप्ट डिजाइनर दास ने बताया, "इसकी प्रेरणा मुझे उस समय मिली जब हम सभी अपने घरों के अंदर कैद थे. जब भी मैं टीवी ऑन करता, प्रवासी श्रमिकों के बुरी तरह परेशान होने की खबरें देखता. वे कैसे घर लौटने की कोशिश में बिना भोजन-पानी के मीलों पैदल चल रहे हैं. यह देखकर मुझे बहुत तकलीफ होती थी. देवी दुर्गा केवल मूर्ति में नहीं बल्कि हर महिला के अंदर होतीं हैं. इसीलिए हम इस मूर्ति के जरिए नारीशक्ति या स्त्री शक्ति को अपना ट्रिब्यूट (समर्पित करना) दे रहे हैं."

(इनपुट-आईएएनएस)

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