गौरतलब है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद कुछ लोगों ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव होने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशानी हो सकती है.
अख्तर ने सोमवार रात ट्वीट किया, 'मैं चुनाव और रमजान को लेकर इस पूरी बहस को बिल्कुल बेतुका मानता हूं.'
उन्होंने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्षता का विकृत और पेचीदा रूप है जो मेरे लिए बेतुका, विभत्स और असहनीय है. चुनाव आयोग को इस पर बिल्कुल विचार नहीं करना चाहिए.'
74 वर्षीय गीतकार की यह प्रतिक्रिया समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम द्वारा सात चरणों के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम पर सवाल उठाए जाने के बाद आई है.
नेताओं ने चुनावों की तारीखों को लेकर झगड़ा किया, जो कि मई में रमजान के साथ होने की उम्मीद है.