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बर्थडे स्पेशल : नसीरुद्दीन शाह के फिल्मी सफर पर एक नज़र...

मुंबई : हिंदी सिनेमा के वन ऑफ द फाइनेस्ट मास्टर क्लास एक्टर नसीरुद्दीन शाह का आज जन्मदिन है. नसीर साहब जिन्होंने न सिर्फ फिल्मों बल्कि टेलीविजन और थियेटर को भी अपने फाइनेस्ट वर्क के जरिए अलग मुकाम पर पहुंचाया. इनकी मेहनत और काबिलियत को आज सारी फिल्म इंडस्ट्री सलाम करती है. तो आइए देखते हैं नसीर साहब के जन्मदिन के मौके पर उनके फिल्मी सफर की कुछ झलकियां...

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Published : Jul 20, 2020, 11:34 AM IST

Updated : Jul 20, 2020, 2:02 PM IST

Happy Birthday Naseeruddin Shah
Image Courtesy : Social Media

मुंबई : 'जाने भी दो यारों', 'मासूम', 'अ वेडनसडे', 'स्पर्श', 'इश्किया', 'इक्बाल', 'मंडी', 'जुनून', 'अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है', 'अर्ध सत्य', 'सरफरोश', 'कर्मा' और 'मोहरा' ये वो हिंदी सिनेमा की कुछ बेहतरीन फिल्में हैं, जिन्हें देखकर आपको लगेगा कि बॉलीवुड में सिनेमा और एक्टिंग का लेवल बहुत ऊपर है और इन फिल्मों का जिक्र करते ही याद आ जाते हैं वो दसियों कैरेक्टर जिन्हें पर्दे पर दर्शकों के सामने पेश किया वन ऑफ द बेस्ट एक्टर ऑफ हिंदी सिनेमा, द वन एंड ओनली नसीरूद्दीन शाह.

नसीरुद्दीन शाह

1975 की श्याम बेनेगल की फिल्म 'निशांत' से नसीर साहब ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत कर 1980 में फिल्म 'हम पांच' से मेनस्ट्रीम सिनेमा में कदम रखने वाले वर्सटाइल मास्टरक्लास एक्टर और थियेटर आर्टिस्ट नसीर साहब का जन्म आज के दिन यानी 20 जुलाई 1950 को यूपी के बाराबंकी जिले में हुआ. अपनी स्कूलिंग नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज से पूरा करने के बाद नसीर साहब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट हुए और इसके बाद नसीर साहब दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा भी गए.

फिल्म 'निशांत' में नसीरुद्दीन शाह
'हम पांच' में नसीरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती, संजीव कुमार, राज बब्बर और गुलशन ग्रोवर (Image Source : Instagram)

फिल्मों में 'जाने भी दो यारों', 'मासूम', 'अ वेडनसडे', 'स्पर्श', 'इश्किया', 'इक्बाल', 'मंडी', 'जुनून', 'अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है', 'अर्ध सत्य', 'सरफरोश', 'कर्मा' और 'मोहरा' के साथ-साथ टीवी में मिर्जा गालिब और भारत एक खोज इनका मशहूर और ब्रिलियंट काम रहा है.

फिल्म और टीवी के अलावा थियेटर में वेटिंग फॉर गोडोट, महात्मा वर्सेस गांधी, डियर लायर, आइंस्टीन और अ वॉक इन द वुड्स इनका रिमार्केबल काम है.

(Image Source : Instagram)

नसीर साहब 'मॉनसून वेडिंग', 'द लीग ऑफ एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जेंटलमैन और 'टुडेज स्पेशल' जैसे इंटरनेशनल प्रोडक्शन्स में भी फीचर हुए हैं.

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2006 की फिल्म 'यूं होता तो क्या होता' ने नसीर साहब को बतौर डायरेक्टर फेम दिलाया और इसके एक्टर्स कोंकणा सेन शर्मा, इरफान खान, परेश रावल, न्यूकमर आयशा टाकिया, इनके बेटे इमाद शाह और पुराने दोस्त रवि बासवानी को इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया.

(Image Source : Instagram)

1979 में 'स्पर्श' ,1985 में 'पार' और 'इक्बाल' के लिए नेशनल अवॉर्ड, 'मासूम', 'बाजार', 'आक्रोश', 'चक्र', 'स्पर्श', 'अ वेडनेसडे' के लिए बेस्ट एक्टर फिल्मफेयर, सरफरोश, चाहत, क्रिश, मोहरा के लिए बेस्ट विलन का फिल्मफेयर और कई सारे अवॉर्ड्स के अलावा भारत सरकार ने नसीर साहब को इनके हिंदी सिनेमा में दिए गए बहुमूल्य योगदान के लिए पद्म श्री और पद्म भूषण के खिताब से नवाजा है.

100 से भी ज्यादा फिल्में कर चुके मास्टरक्लास एक्टर-डायरेक्टर-थिएटर आर्टिस्ट के जन्मदिन पर हम उनकी लंबी और सेहतमंद जिंदगी की दुआ करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हिंदी सिनेमा का यह चमकदार सितारा अपनी एक्टिंग की रौशनी से आने वाले काफी समय तक इंडस्ट्री को रौशन रखेगा, विश यू अ वेरी हैप्पी बर्थडे नसीर साहब.

Last Updated : Jul 20, 2020, 2:02 PM IST

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