मुंबई : अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता सेलिना जेटली हाल ही में एक लघु फिल्म 'सीजंस ग्रीटिंग्स : ए ट्रिब्यूट टू रितुपर्णो घोष' में नजर आई थीं. उन्होंने कहा कि यद्यपि एक ओर शिक्षित समाज विशेष रूप से युवा पीढ़ी एलजीबीटीक्यू समुदाय को स्वीकार करती जा रही है.
ऐसे सामाजिक परिवर्तन तब तक मुश्किल होते हैं जब तक कि समुदाय में इसके बारे में अज्ञानता दूर न हो जाए.
उनकी यह लघु फिल्म एलजीबीटीक्यू समुदाय की सामाजिक स्वीकृति केमुद्दे पर है. यह फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक दिवंगत रितुपर्णो घोष को एक श्रद्धांजलि है.
यूनाइटेड नेशंस इक्विलिटी चैंपियंस होने के नाते सेलिना ने आईएएनएस को बताया, "एलजीबीटी समुदाय केबारे में अभी भी समझ की कमी है. सबसे बड़ी बाधा यह है कि भारत में समाज खुद को समलैंगिकता के बारे में शिक्षित करने के लिए तैयार ही नहीं है और किसी भी स्तर पर इसे स्वीकार नहीं करता. इसके पीछे धार्मिक से लेकर अज्ञानता तक कुछ भी कारण हो सकते हैं."