न्यूयॉर्क : शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि ऐसे रैपटाइल्स, जो डायनासोर के दिनों से हैं, वह 14 फीट या उससे अधिक बढ़ सकते हैं और अपने कुछ अंगों को फिर से उगा सकते हैं. यह क्षमता केवल युवा मगरमच्छों में ही होती है.
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और लुइसियाना डिपार्टमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ एंड फिशरीज की टीम ने, एक अध्ययन में पाया कि युवा मगरमच्छ, अपनी पूंछ को पैर की तीन-चौथाई या अपने शरीर की कुल लंबाई के 18% के बराबर फिर से उगाने की क्षमता रखते हैं. यह अध्ययन, साइंटिस्ट रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुआ था.
इस बात का पता लगाने के लिए, टीम ने एडवांस्ड इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया. इस अध्ययन से यह पता चला कि कुछ सीमाओं के साथ ही सही, लेकिन मगरमच्छ में भी अपने अंगों को फिर से उगाने कि क्षमता होती है.
हालांकि, केवल युवा मगरमच्छ ही अपनी पूंछ को दोबारा उगा सकते हैं. अगर मगरमच्छों डराया जाए, तो एम्फीबिअन्स की तरह यह अपने उपांगो (शरीर से जुड़े हुए अतिरिक्त अंग) को काटकर अलग नहीं कर सकते हैं.
साइंस अलर्ट के अनुसार, घड़ियालों के उपंगों का नुकसान तब होता है, जब उनका बड़े घड़ियालों से झगड़ा होता है या जब इंसान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं.
सह-वरिष्ठ अध्ययन लेखक, एएसयू स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के प्रोफेसर और निदेशक, कॉलेज ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेज में एसोसिएट डीन, केएनरो कुसुमी ने बताया कि नए उगे अंग और कंकाल के चारों ओर कनेक्टिव टिशू (सयोंजी ऊतक) और त्वचा (स्किन) होता है. मगर इसमें कंकाल मांसपेशी (स्केलेटल मसल) में कमी होती है.
कुसुमी ने यह भी समझाया कि छिपकलियों की पूंछ, कंकाल मांसपेशी के साथ ही उगती है.