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Chandrayaan 3 चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने दो-तिहाई दूरी तय की, कल चंद्रमा की कक्षा में करेगा प्रवेश - chandrayaan 3 insertion into translunar orbit

चंद्रयान-3 अपने निर्धारित गंतव्य की ओर आगे बढ़ गया है और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी- ISRO ने Chandrayaan को ट्रांसलूनर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है. अब ISRO Chandrayaan 3 मिशन का अगला पड़ाव चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है.

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Published : Aug 5, 2023, 10:33 AM IST

बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- ISRO ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है. चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक पूरा किया गया है. एक अगस्त को अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाल दिया गया.

ISRO के अनुसार कल, एक और महत्वपूर्ण प्रयास में अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने शुक्रवार को कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया 5अगस्त को शाम करीब सात बजे के लिए निर्धारित है. ISRO ने कहा कि यह प्रयास तब किया जाएगा जब चंद्रयान-3 चंद्रमा के सबसे पास होगा. इससे पहले, उसने कहा था कि वह 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की कोशिश करेगा.

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सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद : Chandrayaan 3 को चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में लॉन्च तिथि से लगभग 33 दिन लगेंगे. चंद्र सतह पर उतरने के बाद यह 1 चंद्र दिवस तक काम करेगा. मिशन का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है. चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के कुछ दिनों बाद लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा. लैंडर के 23 अगस्त की शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है. Lander चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरेगा. Soft Landing एक पेचीदा मुद्दा है,क्योंकि इसमें रफ और फाइन ब्रेकिंग सहित जटिल युद्धाभ्यासों की एक श्रृंखला शामिल होती है.सुरक्षित और खतरा-मुक्त क्षेत्र खोजने के लिए लैंडिंग से पहले लैंडिंग साइट क्षेत्र की इमेजिंग की जाएगी. सॉफ्ट लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस की अवधि के लिए चंद्र सतह पर प्रयोग करेगा जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है.

(अतिरिक्त इनपुट एजेंसी)

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