टोक्यो : रूस के हमले के बाद यूक्रेन के लाखों लोग जब अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ कर दूसरे देश चले गए, उसी समय टोक्यो में रहने वाली साशा कावेरिना यूक्रेन में रह रहे अपने माता-पिता को बचाने के लिए जान हथेली पर रख कर जापान से यूक्रेन चली गईं. रूस के हमले में यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. मार्च के शुरू में एक रूसी मिसाइल ने खारकीव में 16 मंजिला एक इमारत को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया. इस इमारत की आठवीं मंजिल पर रह रहे कावेरिना के माता-पिता इस हमले में बाल-बाल बच गए, लेकिन अपने रिश्तेदारों के साथ उन्होंने घर छोड़ दिया.
हमले से घबराईं कावेरिना का मुख्य उद्देश्य अपने माता-पिता को उनके गृहनगर खारकीव से बाहर निकालना था. जान हथेली पर लेकर वह यूक्रेन चली गईं. वहां खारकीव से अपने माता-पिता को वह रोमानिया की सीमा से लगे, दक्षिण पश्चिमी यूक्रेन के शहर चेर्निवित्सी में एक सुरक्षित जगह पर ले गईं. एक ऑनलाइन साक्षात्कार में साशा ने कहा, यूक्रेन के निवासी बेहद चिंतित हैं कि अगर रूस ने हमारे देश पर कब्जा कर लिया, तो यूक्रेन का समर्थन करने वाले लोग मारे जाएंगे.
पांच साल से जापान में रह रही कावेरिना ने बताया कि उन्होंने अपने माता-पिता के लिए चेर्निवित्सी में एक घर किराए पर लिया है. उन्होंने कहा, 'यूक्रेन के अधिकारियों ने पूर्वी यूक्रेन के निवासियों से पश्चिम की ओर जाने का आग्रह किया है. हवाई हमलों की आवाज चेर्निवित्सी में सुनाई देती है.' कावेरिना ने बताया कि उनके पिता के परिचितों में से एक व्यक्ति को 'एक फिल्टरिंग कैंप' में ले जाया गया. वहां रूस की सेना ने यूक्रेन के निवासियों को अपनी कमीज़ उतारने के लिए कहा. रूसी सैनिक देखना चाहते थे कि क्या उस व्यक्ति के शरीर में यूक्रेन के पक्ष में कोई टैटू बना हुआ है.