दुबई : सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच भीषण लड़ाई के कारण वहां फंसे कई भारतीयों के चिंतित परिजन अपने रिश्तेदारों के बारे में किसी जानकारी की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके साथ ही चिंतित परिजनों ने सरकार से अपील की है कि संकटग्रस्त अफ्रीकी देश में फंसे लोगों को निकालने की व्यवस्था की जाए. सूडान में लड़ाई शनिवार को शुरू हुई और अब तक एक भारतीय सहित कम से कम 185 लोगों की मौत होने की खबर है, वहीं 1,800 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. सूडान में फंसे भारतीयों में मानसी सेठ के पिता भी शामिल हैं. मानसी ने कहा कि उनके पिता (65) एक व्यापारिक यात्रा पर सूडान गए थे और शनिवार को वापस मुंबई जाने वाले थे.
मानसी के अनुसार वह हवाई अड्डे पर थे जब उन्हें सूचित किया गया कि उनकी उड़ान रद्द कर दी गई है और उन्हें अन्य यात्रियों के साथ हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई. कुछ घंटों के बाद जब उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने दिया गया तो उन्हें पैदल ही अपने होटल की ओर जाना पड़ा क्योंकि वहां यातायात का कोई साधन उपलब्ध नहीं था. मानसी ने पीटीआई से कहा, "मैं अपने पिता को लेकर चिंतित हूं क्योंकि वह वरिष्ठ नागरिक हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हैं. आज सुबह (बुधवार) थोड़ी देर के लिए उनसे बात हुई लेकिन उसके बाद कोई संपर्क नहीं हुआ. हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि वह सुरक्षित हैं ."
शहर के कई इलाकों में बिजली नहीं है और मानसी के पिता जिस होटल में ठहरे हुए हैं, वहां जेनरेटर चल रहा है, जिसकी क्षमता भी सीमित है. उन्होंने कहा कि सूडान में उनके कुछ रिश्तेदार भी हैं जिन्होंने बताया कि देश में सुरक्षा की स्थिति बहुत खराब है और युद्धविराम की घोषणा के बावजूद हिंसा नहीं थमी है. सरकार के सूत्रों ने बुधवार को नयी दिल्ली में कहा कि सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत विभिन्न देशों के साथ समन्वय कर रहा है. इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब शामिल हैं.