रावलपिंडी :पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता खत्म होने के आसार फिलहाल नहीं दिख रहे हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता शाह महमूद कुरैशी, जमशेद चीमा और उनकी पत्नी मुसर्रत चीमा को मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (एमपीओ) की धारा 3 के तहत 15 दिनों के लिए नजरबंद कर दिया गया है. पाकिस्तान के रावलपिंडी के आयुक्त ने पीटीआई नेताओं की नजरबंदी के आदेश जारी किए हैं. जानकारी के मुताबिक, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, मुसर्रत चीमा और जमशेद चीमा को 15 दिनों के लिए नजरबंद कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि शाह महमूद कुरैशी और मुसर्रत जमशेद चीमा को मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के रिहाई के आदेश अदियाला जेल के बाहर गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के दौरान कुरैशी ने कहा था कि मैं पार्टी नहीं छोड़ रहा हूं. मैं पार्टी के साथ हूं और हमेशा पार्टी के साथ रहूंगा. न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए कुरैशी को सशर्त रिहाई का फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कुरैशी के वकीलों को एक हलफनामा पेश करने का आदेश दिया था.
पुलिस ने आईएचसी को बताया, शाह महमूद कुरैशी के ठिकाने का पता नहीं : राजधानी पुलिस ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) को सूचित किया है कि वे पीटीआई नेता शाह महमूद कुरैशी के ठिकाने से अनभिज्ञ हैं, जिन्हें मंगलवार की रात रिहा होने के तुरंत बाद अदियाला जेल के बाहर फिर से गिरफ्तार किया गया था. आईएचसी में सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि पूर्व मंत्री के खिलाफ छह मामले दर्ज हैं. अदालत ने पुलिस से उन मामलों का विवरण देने को कहा जिनमें पीटीआई नेता को गिरफ्तार किया गया है.
एएजी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि कुरैशी अदियाला जेल में बंद हैं. अटॉर्नी जनरल मुनव्वर इकबाल दुग्गल ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि पूर्व मंत्री और पीटीआई नेता शाह महमूद कुरैशी वर्तमान में अदियाला जेल में बंद हैं. सुनवाई के दौरान, पुलिस ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें कहा गया कि कुरैशी के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें दो मामले नौ मई की हिंसा से संबंधित हैं.
आईएचसी ने पीटीआई के असद उमर को रिहा करने का आदेश दिया : इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने बुधवार को पीटीआई के नेता असद उमर को रिहा करने का आदेश दिया. उमर को मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (एमपीओ) के तहत गिरफ्तार किया गया था. न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने सुनवाई करते हुए कहा कि वे आपको तब तक जाने नहीं देंगे जब तक आप प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते. हालांकि, उमर के वकील बाबर अवान ने अदालत से कहा कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के सामने अपने मुवक्किल को पेश करना चाहते हैं. इस पर न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने कहा कि असद उमर का मामला जिसकी मैं आज सुनवाई कर रहा हूं इसमें अगर मैं आज आदेश जारी करता हूं, तो मुझे नहीं पता कि कल क्या होगा. अदालत ने उमर को एक एफिडेफिट जमा करने और अपने भड़काऊ ट्वीट हटाने का भी निर्देश दिया.
हम्माद अजहर के आवास पर छापा, पिता को 'धमकाया' : इधर, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करके यह दावा किया है कि उसके एक वरिष्ठ नेता हम्माद अजहर के आवास पर मंगलवार रात छापा मारा गया. पीटीआई इस्लामाबाद ट्विटर अकाउंट के एक ट्वीट के अनुसार, पार्टी ने दावा किया कि छापे के दौरान, अजहर के 82 वर्षीय पिता को धमकी दी गई. उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर उनके बेटे ने आत्मसमर्पण नहीं किया तो उनकी बेटी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
लाहौर पुलिस ने 746 पीटीआई नेताओं पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की मांग की : पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर पुलिस ने पीटीआई के 700 से अधिक नेताओं पर एक महीने के लिए विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है. लाहौर पुलिस ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को इस संबंध में दस्तावेज भेजे हैं. जांच एजेंसी जल्द ही इस बारे में कोई फैसला ले सकती है. पंजाब सरकार ने भी दंगों और आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज करने का फैसला लिया है. पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हुई हिंसा में कथित संलिप्तता को लेकर पीटीआई के 746 नेता और कार्यकर्ता सरकार के रडार पर हैं.
मंत्री ने कहा- खैबर पख्तूनख्वा में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 49,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया : कार्यवाहक प्रांतीय सूचना मंत्री फिरोज जमाल शाह काकाखेल ने कहा है कि 9 मई को पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के मद्देनजर खैबर पख्तूनख्वा में 49,000 से अधिक लोगों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब तक हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में 2,528 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. मंत्री ने कहा कि दंगाइयों ने 9 और 10 मई को पूरे प्रांत में लगभग 198 स्थानों पर सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया और 443 सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.
अमेरिका ने 'लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान' करने का आह्वान किया : संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान में राजनीतिक अराजकता के बारे में एक सवाल के जवाब में लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया है. एक नियमित ब्रीफिंग के दौरान अमेरिका की ओर से कहा कि जैसा कि हमने पहले कहा है, हम पाकिस्तान में स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे. पाकिस्तान के अंदर एक या दूसरे राजनीतिक उम्मीदवार पर हमारी कोई पोजिशनिंग नहीं है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम लोकतांत्रिक सिद्धांतों के सम्मान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दुनिया भर में कानून के शासन का आह्वान करते हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से पाकिस्तान में हम आग्रह करते हैं कि इन सिद्धांतों का सभी लोगों के लिए सम्मान किया जाए.