दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामले में दिवंगत सैन्य शासक मुशर्रफ की मौत की सजा बरकरार रखी - पाकिस्तान

Treason Case: प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि प्राथमिक पहलू गलत काम को चिह्नित करना और हर किसी को कम से कम यह स्वीकार करना चाहिए कि अतीत में गलत किया गया था.

Pervez Musharraf
पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ

By PTI

Published : Jan 10, 2024, 4:09 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने दिवंगत पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह मामले में 2019 में एक विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को बुधवार को बरकरार रखा. वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के सूत्रधार और पाकिस्तान के अंतिम सैन्य शासक मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद पिछले साल पांच फरवरी को दुबई में निधन हो गया. 79 वर्षीय मुशर्ऱफ दुबई में अमाइलॉइडोसिस के लिए उपचार करा रहे थे. वह अपने देश में मुकदमों से बचने के लिए 2016 से स्व-निर्वासन में संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे थे.

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की. इस पीठ में न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह भी शामिल थे. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के कार्यकाल के दौरान नवंबर 2007 में आपातकाल लागू करने के 'असंवैधानिक' निर्णय के लिए मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद एक विशेष अदालत ने 17 दिसंबर, 2019 को पूर्व सैन्य शासक को मौत की सजा सुनाई.

शीर्ष अदालत ने पूर्व शासक द्वारा मौत की सजा के खिलाफ दायर अपील पर फैसला सुनाया. उच्चतम न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपति की अपील को खारिज करते हुए कहा, 'मुशर्रफ के उत्तराधिकारी कई नोटिस पर भी सुनवाई पर नहीं आए.' मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर ने कहा कि अदालत द्वारा अपील पर सुनवाई करने का फैसला करने के बाद उन्होंने मुशर्रफ के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने कभी उन्हें जवाब नहीं दिया.

अदालत ने लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले को भी 'अमान्य और शून्य' घोषित कर दिया, जिसने विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को निलंबित कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला कानून के खिलाफ था. शीर्ष अदालत ने 29 नवंबर, 2023 को पिछली सुनवाई में कहा था कि 12 अक्टूबर, 1999 को मुशर्रफ द्वारा लगाए गए मार्शल लॉ को वैध ठहराने वाले न्यायाधीशों सहित उन सभी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

न्यायमूर्ति अतहर ने यह भी टिप्पणी की थी कि जिन न्यायाधीशों ने 1999 में मुशर्रफ द्वारा मार्शल लॉ लागू करने को वैध ठहराया था, उन पर भी मुकदमा चलाया जाना चाहिए. प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि 'भले ही किसी को संविधान को निष्प्रभावी करने के लिए दंडित नहीं किया गया हो, कम से कम किसी को यह स्वीकार करना चाहिए कि अतीत में जो किया गया वह गलत था.'

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि प्राथमिक पहलू गलत काम को चिह्नित करना और हर किसी को कम से कम यह स्वीकार करना चाहिए कि अतीत में गलत किया गया था. न्यायमूर्ति अतहर ने टिप्पणी की थी कि किसी को सच बोलना होगा और सच्चाई यह है कि जिन न्यायाधीशों ने मार्शल लॉ को उचित ठहराया था, उन पर भी मुकदमा चलाया जाना चाहिए और निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए.

पढ़ें:Pervez Musharraf cremated : मुशर्रफ सुपुर्द-ए-खाक, नमाज-ए-जनाजा में कई पूर्व एवं मौजूदा सैन्य अधिकारी हुए शामिल

पढ़ें:Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का पार्थिव शरीर UAE से कराची लाया गया

पढ़ें:Musharraf cremated in karachi : मुशर्रफ को कराची में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक

पढ़ें:Pervez Musharraf passes away : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन, थरूर ने दुख व्यक्त किया

ABOUT THE AUTHOR

...view details