काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड (Nepal PM Pushpa Kamal Dahal Prachanda) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत की नयी संसद में रखे गए 'अखंड भारत' के नक्शे से संबंधित मुद्दा उठाया और भारतीय पक्ष ने स्पष्ट किया कि यह एक सांस्कृतिक नक्शा है, न कि राजनीतिक. प्रचंड ने संसद में यह टिप्पणी उस वक्त की, जब विपक्षी सांसदों ने 'अखंड भारत' मानचित्र का मुद्दा न उठाने के लिए उनकी आलोचना की. विपक्षी सांसदों का दावा था कि इस मानचित्र में नेपाल का क्षेत्र भी शामिल है.
सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'मेरी भारत यात्रा के दौरान नक्शे के संबंध में चर्चा पर भारतीय पक्ष ने कहा कि यह एक सांस्कृतिक नक्शा था, न कि राजनीतिक. इस मुद्दे पर और अध्ययन किया जाना चाहिए.' प्रचंड ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान संबंधित मानचित्र का उल्लेख किया, जिसपर उन्होंने (मोदी ने) कहा कि यह एक सांस्कृतिक मानचित्र है, न कि राजनीतिक.
भारत ने नए संसद भवन में एक भित्तिचित्र के मुद्दे को कोई तवज्जो नहीं दिया है और इसे एक ऐसी कलाकृति के रूप में वर्णित किया है जो प्राचाीन अशोक साम्राज्य के प्रसार को दर्शाता है. इस भित्ति चित्र ने नेपाल में एक विवाद खड़ा कर दिया है, क्योंकि इसकी व्याख्या 'अखंड भारत' के मानचित्र के रूप में की जा रही है, जिसमें कई पड़ोसी देशों के क्षेत्र भी शामिल हैं. प्रचंड ने कहा कि कालापानी और लिपुलेख जैसे सीमा मुद्दों पर भी चर्चा हुई और प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल तथा भारत के बीच सीमा मुद्दे को हल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
प्रचंड ने कहा, 'कम ऊंचाई वाली उड़ान संचालित करने के लिए एक माहौल बनाया गया है. कालापानी और लिपुलेख जैसी सीमा समस्याओं को हल करने के बारे में चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में नेपाल और भारत के बीच सीमा समस्याओं को हल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.' प्रचंड ने 31 मई से तीन जून तक भारत का दौरा किया. दिसंबर 2022 में कार्यभार संभालने के बाद से यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुरुवार को उनकी मुलाकात में दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए और नयी रेल सेवाओं सहित छह परियोजनाओं की शुरुआत की.