रोम : इटली की सरकार ने अंग्रेजी भाषा को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. यहां के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नया कानून पेश किया है. इस नए कानून के तहत आधिकारिक रूप से अंग्रेजी और अन्य विदेशी भाषाओं के इस्तेमाल करने पर स्थानीय नागरिकों को लाखों रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. जुर्माने की रकम 100,000 यूरो यानी 82,46,550 रुपये तय की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नए कानून के जरिये खासतौर पर अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल को टारगेट किया गया है. इस बिल को लोअर चैंबर की सदस्य फैबियो रामपेली ने पेश किया था, जिसके साथ इटली के पीएम मेलोनी का समर्थन है.
रामपेली का दावा है कि यह भाषा इटालियन भाषा की निंदा करती है. फिलहाल इस विधेयक को पारित नहीं किया गया है. उन्होंने अपने विधेयक में यह भी कहा है कि इटली की भाषा देश में विदेशियों के साथ संवाद करने और कार्यालयों में प्राथमिक भाषा होनी चाहिए. इसके अलावा, देश में सार्वजनिक चीजों व सेवाओं के उपयोग में भी इटलियन भाषा का ही इस्तेमाल किया जाए. यदि इसका उल्लंघन हुआ तो 5,000 से 100,000 यूरो तक यानि 4,44,924 रुपये से लेकर 82,46,550 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
बता दें कि इससे पहले इटली में चैटजीपीटी एक्सेस को बैन कर दिया गया है. माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली ओपनएआई ने इटली में अपने एआई चैटबॉट चैटजीपीटी एक्सेस को ब्लॉक कर दिया है. यह कदम चैटजीपीटी सर्विस के लिए इतालवी के डेटा को प्रोसेसिंग करने से रोकने के लोकल डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के एक आदेश के जवाब में उठाया गया. ओपनएआई ने एक लेटर में कहा, "हमें आपको यह सूचित करते हुए खेद हो रहा है कि हमने इतालवी गारेंटे के अनुरोध पर इटली में यूजर्स के लिए चैटजीपीटी को डिसेबल कर दिया है. आदेश में, इतालवी नियामक गारेंटे ने कहा कि यह चिंता की बात है कि चैटजीपीटी निर्माता यूरोपीय संघ (ईयू) के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) का उल्लंघन कर रहा है, यह दावा करते हुए कि ओपनएआई ने इतालवी नागरिकों के डेटा को अवैध रूप से संसाधित किया है.