नई दिल्ली:सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव (Former Soviet President Mikhail Gorbachev) का 91 साल की उम्र में निधन हो गया. रूसी समाचार एजेंसी ने सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल के एक बयान के हवाले से कहा कि लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. इसके अलावा कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई. मिखाइल ने बिना रक्तपात के शीत युद्ध को खत्म करा दिया था, लेकिन सोवियत संघ के पतन को रोकने में नाकाम रहे थे.
गोर्बाचेव (Mikhail Gorbachev) सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति (1990-91) थे. गोर्बाचेव का जन्म 2 मार्च 1931 को एक गरीब परिवार में हुआ था. गोर्बाचेव स्टालिन के शासन में बड़े हुए और द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मन कब्जे का अनुभव किया. युद्ध के बाद उन्होंने मास्को में कानून की पढ़ाई की थी. कम्युनिस्ट पार्टी में अपना करियर बनाया. उन्होंने साम्यवाद में सुधार करने की मांग की. उन्होंने ग्लासनोस्ट (खुलेपन) और पेरेस्त्रोइका (परिवर्तन) की अवधारणाओं को पेश किया.
गोर्बाचेव को 1990 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार
नोबेल समिति मिखाइल गोर्बाचेव (Mikhail Gorbachev) 1990 में शांति पुरस्कार से सम्मानित किया था. समित ने उन्हें यह पुरस्कार देते हुए कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में पूर्व और पश्चिम के संबंधों में नाटकीय परिवर्तन हुए हैं. टकराव की जगह बातचीत ने जगह ले ली है. पुराने यूरोपीय राष्ट्र राज्यों ने अपनी स्वतंत्रता फिर से हासिल कर ली है. हथियारों की दौड़ धीमी हो रही है. हम हथियारों के नियंत्रण और निरस्त्रीकरण की दिशा में एक निश्चित और सक्रिय प्रक्रिया देख रहे हैं. कई क्षेत्रीय संघर्ष खत्म हो गए हैं.
मिखाइल मेरे नायकों में से एक थे: अरनॉल्ड श्वार्जनेगर
अरनॉल्ड श्वार्जनेगर ने मिखाइल गोर्बाचेव के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया- एक पुरानी कहावत है, 'Never meet your heroes.' मुझे लगता है कि यह कुछ सबसे खराब सलाह है, जो मैंने सुनी है. मिखाइल गोर्बाचेव मेरे नायकों में से एक थे. उनसे मिलना एक सम्मान और खुशी की बात थी. मैं अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली था कि उन्हें एक दोस्त कहा. हम सभी उनके शानदार जीवन से सीख सकते हैं.