नई दिल्ली/ काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सिख गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए. तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी. काबुल के कार्त-ए-परवान इलाके में स्थित गुरुद्वारे में सुबह करीब साढ़े छह बजे तीन धमाके हुए. एरियाना न्यूज ने काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान के हवाले से कहा, सुरक्षा बल हमले को नियंत्रित करने और हमलावर को खत्म करने में सक्षम थे, ताकि हताहतों की संख्या कम की जा सके. जादरान के अनुसार, पीड़ितों में एक सुरक्षाकर्मी और एक हिंदू नागरिक शामिल हैं.
काबुल में सिख गुरुद्वारा कार्ते परवान पर भीषण हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुद्वारा कार्ते परवान पर 'बर्बर' आतंकवादी हमले की निंदा की है. मोदी ने ट्वीट किया है, काबुल में कार्ते परवान गुरुद्वारे पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले से स्तब्ध हूं. मैं इस बर्बर हमले की निंदा करता हूं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सलामती के लिए प्रार्थना करता हूं.
वहीं, अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रवेश करने से पहले, दुश्मन ने एक ग्रेनेड से गार्ड पर हमला किया, जिससे आग लग गई. बाद में हमले में घायल हुए हमारे दो हिंदू हमवतन को निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. मंत्रालय के अनुसार, अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही विद्रोहियों ने एक कार में विस्फोट कर दिया. बयान में कहा गया है, 'सौभाग्य से, वे अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके और लक्ष्य तक पहुंचने से पहले एक कार में विस्फोट कर दिया.'
सोशल मीडिया पर वीडियो में विस्फोट की दीवारों से घिरे दो मंजिला गुरुद्वारे से धुआं निकलता दिख रहा है. इससे पहले दिन में, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा था. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के हवाले से एक बयान में कहा गया है कि हम काबुल से उस शहर के एक पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबरों से बेहद चिंतित हैं. उन्होंने कहा, 'हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और सामने आने वाले घटनाक्रम पर और विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.'
हमले की जिम्मेदारी का तत्काल कोई दावा नहीं किया गया था, हालांकि, इस्लामिक स्टेट की खुरासान इकाई (आईएस-के) ने अतीत में देश भर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है. शुक्रवार को उत्तरी प्रांत कुंदुज में एक मस्जिद में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए.
गुरुद्वारा कार्त-ए-परवान के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने हमले के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को बचाया. इसके अलावा गुरुद्वारे के अंदर भी गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति मौजूद थी. इस का वीडियो सामने आया है, जिसमें सिख गुरुद्वारे के आसपास के इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दे रही है.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने की गुरुद्वारे पर हमले की निंदा
भारत सरकार के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, अन्य नेताओं और सिख संस्थानों ने काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले की निंदा की है. सिख नेताओं ने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा है. सीएम मान ने ट्वीट किया, काबुल में गुरुद्वारा कर्ते पारवां पर हुए हमले की कटु निंदा करता हूं. मुझे सूचना मिली है कि श्रद्धालुओं पर गोलियां चलायी गई हैं, मैं सबकी सुरक्षा की कामना करता हूं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय से काबुल में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करता हूं.
बाद में मान ने एक बयान में कहा, यह अमानवीय व्यवहार है और मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काबुल में रहने वाले सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को गुरुद्वारा में मौजूद सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. मान ने कहा कि ‘संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री को ठोस और त्वरित कदम उठाने की जरूरत है. मान ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकवादी ऐसी क्रूर घटनाओं को अंजाम देने के लिए धार्मिक स्थलों को भी नहीं बख्श रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना ने फिर से साबित कर दिया है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता है. उन्होंने कहा कि यह कायराना घटना है और सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए.
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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि काबुल के गुरुद्वारे पर हुए हमले को लेकर वह बहुत चिंतित हैं. सिंह ने ट्वीट किया, परिसर में फंसे सभी श्रद्धालुओं और नागरिकों की सुरक्षा की लिए वाहेगुरु जी से प्रार्थना करता हूं. विदेश मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने और सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा करने का अनुरोध करता हूं.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी केन्द्र से इस मुद्दे को अफगान प्रशासन के समक्ष उठाने का अनुरोध किया है. बादल ने ट्वीट किया है, काबुल में गुरुद्वारा कर्ते पारवां पर आईएसआईएस के हमले की कटु निंदा करता हूं. गुरुद्वारे में मौजूद सभी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हुए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अनुरोध करता हूं कि वे इस मामले को अफगान सरकार के समक्ष उठाएं और सभी सिखों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख हरजिन्दर सिंह धामी ने कहा कि हमले से पूरी दुनिया के सिखों को तकलीफ हुई है और केन्द्र से अनुरोध किया कि वह अफगानिस्तान से बचे हुए सिखों और हिन्दुओं को सुरक्षित निकालने का प्रयास करें. धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उनसे राजनयिकों और मंत्रियों से बात करके अफगानिस्तान में सिखों और हिन्दुओं की सहायता करने का अनुरोध किया है.
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