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प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन की कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे असांजे

विकीलिक्स के संस्थापक जूलियन असांजे अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने वाले हैं. असांजे ने जासूसी के आरोपों को लेकर उनके प्रत्यर्पण की अमेरिकी अधिकारियों की कोशिशों को अदालत में चुनौती दी है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

जूलियन असांजे
जूलियन असांजे

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Published : Sep 6, 2020, 9:06 PM IST

लंदन : विकीलिक्स के संस्थापक जूलियन असांजे एक दशक के कानूनी दांव पेंच के बाद अब अपनी स्वतंत्रता के लिए ब्रिटेन की एक अदालत में मुकदमा लड़ने वाले हैं.

असांजे ने जासूसी के आरोपों को लेकर उनके प्रत्यर्पण की अमेरिकी अधिकारियों की कोशिशों को अदालत में चुनौती दी है.

अमेरिकी गोपनीय सैन्य दस्तावेजों को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने को लेकर उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित कराने की कोशिश कर रहा है.

असांजे (49) और अमेरिकी सरकार के वकीलों का सोमवार को लंदन की अदालत में प्रत्यर्पण सुनवाई पर आमना-सामना होना है. इस कार्यवाही में कोरोना वायरस महामारी के चलते देर हुई है.

अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी एवं कंप्यूटर के दुरुपयोग के 18 आरोप लगाये गये हैं जिसमें, दोषी साबित होने पर उन्हें अधिकतम 175 साल की कैद की सजा हो सकती है.

उनके वकीलों ने कहा कि अभियोजन राजनीति से प्रेरित एवं शक्तियों का दुरुपयोग है जो प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोंट देगा और पत्रकारिता को जोखिम में डाल देगा.

असांजे की वकील जेनिफर रोबिंसन ने कहा कि यह मामला मुख्य रूप से मौलिक मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में है.

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उन्होंने कहा कि पत्रकार और व्हिसल ब्लोअर, जो कंपनियों या सरकारों तथा युद्ध अपराधों का भंडाफोड़ करते हैं उन्हें अभियोजन से बचाया जाना चाहिए.

वहीं अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि असांजे अपराधी है न कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नायक.

उन्होंने आरोप लगाया है कि असांजे ने अमेरिकी सेना की खुफिया विशेषज्ञ चेलसिया मैनिंग के साथ पेंटागन के कंप्यूटर को हैक करने की साजिश रची और इराक तथा अफगानिस्तान में युद्ध पर हजारों कूटनीतिक एवं सैन्य फाइलों को सार्वजनिक कर दिया.

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