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UN प्रमुख की अपील : सभी देश जलवायु परिर्वतन के खिलाफ जारी रखें लड़ाई - antonio guterres appeals to all nations

गर्मी बढ़ाने वाली गैसों का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.इनका स्तर इतना है जितना 30 लाख साल पहले भी नहीं था. इसके मद्देनजर एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया भर के देशों से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई नहीं छोड़ने की अपील की. पढ़ें पूरी खबर...

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस

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Published : Dec 3, 2019, 6:09 PM IST

मैड्रिड : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया भर के देशों से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई नहीं छोड़ने की अपील की. बता दें, करीब 200 देशों के प्रतिनिधि ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने की चर्चा करने के लिए स्पेन की राजधानी मैड्रिड में जमा हुए हैं.

गुतारेस ने अपने उद्घाटन भाषण में वैज्ञानिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ये आंकड़े बताते हैं कि गर्मी बढ़ाने वाली गैसों का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. इनका स्तर इतना है जितना 30 लाख साल पहले भी नहीं था, जब समंदर का स्तर आज की तुलना में 10-20 मीटर ऊपर था.

उन्होंने चेताया कि अगर कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी कटौती नहीं की गई तो 2015 में जब पेरिस समझौता किया गया था, तब तय लक्ष्य के मुकाबले सदी के अंत तक तापमान दोगुना हो सकता है.

गुतारेस ने कहा कि जब तक कोयले को जलाना बंद नहीं किया जाएगा, तब तक जलवायु परिवर्तन के सभी प्रयास निरर्थक होंगे. उन्होंने कहा कि अगर 10 साल पहले देश काम करना शुरू करते तो उन्हें उत्सर्जन में 3.3 प्रतिशत की कमी करने की जरूरत थी, लेकिन आज हमें इसे 7.6 फीसदी करना है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि सभी सरकारों, क्षेत्रों, कारोबारों, नागरिक समाज को एक समान लक्ष्य के लिए काम करना है और यही एक मात्र समाधान है.

चिली की पर्यावरण मंत्री करोलिना सचमिड्ट ने कहा है कि दो से 13 दिसंबर तक चलने वाली बैठक में कार्बन-मुक्त अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम करने के लिए मूल कार्य तय करने की जरूरत है. साथ में गरीबों और बढ़ते तापमान से खतरे का सामना कर रहे लोगों को संवेदनशील करने भी जरूरत है.

उन्होंने कहा कि जो लोग इसे देखना नहीं चाहते हैं, वह इतिहास के गलत पक्ष में होंगे. उन्होंने दुनियाभर की सरकारों से अपील की कि वह ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए अधिक महत्वाकांक्षी संकल्प लें.

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आपको बता दें, करोलिना बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं. इस बैठक में 2015 में पेरिस समझौते के संबंधित नियमों को अंतिम रूप दिया जाना है.

इसमें अंतरराष्ट्रीय उत्सर्जन-व्यापार प्रणाली बनाने और गरीब देशों को क्षतिपूर्ति करना शामिल है. इनमें वह देश शामिल हैं, जो समुद्र का जल स्तर बढ़ने और जलवायु परिवर्तन की अन्य वजहों से नुकसान का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमारे सामने समान चुनौती है लेकिन हमें जरूरतों और तात्कालिकता में अंतर करना है और यह तभी हो सकता है जब हम मिलकर काम करें.

वहीं अमेरिकी कांग्रेस की नेता नेन्सी पेलोसी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पेरिस समझौते से अलग होने के बावजूद दुनिया अब भी भरोसा करती है कि अमेरिका ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई में शामिल है.

उन्होंने कहा कि हम अमेरिका की प्रतिनिधि सभा और कांग्रेस की तरफ से आपको यह कहने यहां आए हैं कि हम अब भी इसमें हैं. पेलोसी ने कहा कि हम इसे अस्तित्व संबंधी खतरे के तौर पर देखते हैं और हमने अब तक चुनौती के अनुरूप आचरण नहीं किया है.

ट्रंप ने ग्लोबल वार्मिंग को छल बताकर खारिज कर दिया है. गौरतलब है, पिछले महीने ट्रंप ने 196 देशों के पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को अलग करने के लिए आधिकारिक नोटिस दिया था. यह समझौता ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री से नीचे रखने और हो सके तो 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रखने की बात कहता है.

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