लंदन :जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संसद में सर्वाधिक मुखरता से विचार रखने वाले ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने मंगलवार को हाउस ऑफ कॉमंस में एक प्रस्ताव पेश किया. कश्मीर के पंडित हर वर्ष 19 जनवरी को 'पलायन दिवस' मनाते हैं.
उत्तर लंदन के कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ब्लैकमैन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि नरसंहार को रोकने और 19 जनवरी 1990 को कश्मीरी हिंदू समुदाय के प्रति हुए अपराधों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी 'कदम' उठाए जाएं.
यह तारीख जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति सीमा पार से हुए आतंकवादी हमले से जुड़ी है जिसके कारण कश्मीरी पंडितों को अपनी सुरक्षा के लिए क्षेत्र से भागना पड़ा था.
प्रस्ताव में कहा गया है, 'यह सदन जनवरी 1990 में जम्मू-कश्मीर की आबादी पर सीमा पार के इस्लामी आतंकवादियों के हमले की 31वीं बरसी पर दुख और निराशा व्यक्त करता है, इस नरसंहार में जो लोग मारे गए, जिनसे बलात्कार हुआ, उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना जताता है और जम्मू-कश्मीर में पवित्र स्थलों को अपवित्र किए जाने की निंदा करता है.'
इसमें कहा गया है, 'नरसंहार के डर से भागे कश्मीरियों को अभी तक न्याय नहीं मिला है, इस नरसंहार में बचे कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों के धैर्य और साहस की सदन प्रशंसा करता है, जिन्होंने हथियार नहीं उठाए बल्कि शिक्षा को अपनाया. सदन ऐसे लोगों की निंदा करता है जो सीमा पार से आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं और मांग करता है कि इस तरह के हमले को तुरंत बंद किया जाए.'
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यह प्रस्ताव अर्ली डे मोशन (ईडीएम) के जरिए लाया गया जो ब्रिटेन के सांसदों का किसी खास मुद्दे पर संसद का ध्यान आकर्षित करने का तरीका है. इस पर विपक्षी लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने भी दस्तखत किए.