हैमिल्टन (न्यूजीलैंड) : न्यूजीलैंड के एक सुपरमार्केट में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से जुड़े आतंकवादी के शुक्रवार के हमले ने दिखाया है कि आईएसआईएस की चरमपंथी विचारधारा अभी भी पश्चिमी देशों में कुछ मुसलमानों को अपने पक्ष में करने की मजबूत अपील रखती है. आईएसआईएस की विचारधारा सीरिया और इराक में आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट) की हार और खलीफा राज स्थापित करने की उसकी योजनाओं के साथ समाप्त नहीं हुई है.
आईएसआईएस उन लोगों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहा है जो पश्चिम विरोधी विमर्शों के प्रति अतिसंवेदनशील हैं. सोशल नेटवर्क, डार्क वेब (इंटरनेट साइटों का छिपा हुआ समूह जहां तक केवल एक विशेष वेब ब्राउज़र द्वारा पहुंचा जा सकता है) और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म आईएसआईएस की कट्टरपंथी विचारधारा के वैश्विक प्रसार जारी रखे हुए हैं.
शुक्रवार के आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार श्रीलंकाई नागरिक के निजी कंप्यूटिंग उपकरणों पर आईएसआईएस से जुड़ी विषय-सामग्रियां पूर्व में मिली थी और उसे इस कारण सोशल मीडिया साइटों के इस्तेमाल से प्रतिबंधित कर दिया गया था. इसलिए हमें उसे 'स्वतंत्र आतंकवादी' के रूप में वर्णित करने से सावधान रहना चाहिए. हो सकता है कि उसने अकेले हमला किया हो, बिना किसी आतंकवादी समूह के प्रत्यक्ष सहयोग के. लेकिन उसकी विचारधारा और उसे कट्टरपंथी बनाने की प्रक्रिया उन वैश्विक समूहों से जुड़ी हुई है जो जानबूझकर अपने विद्वेषपूर्ण वैश्विक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और अपने विचारों के लिए नए लोगों को आकर्षित करने की फिराक में रहते हैं.
आईएसआईएस को हराना इतना मुश्किल क्यों
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण हो सकता है कि कट्टरपंथ अस्थायी रूप से घटा हो लेकिन ऐसी आशंकाएं हैं कि महामारी के बाद ,आतंकवाद विश्व स्तर पर एक बड़ी समस्या बन जाएगा. असल में, आईएसआईएस कभी हारा ही नहीं. इराक और सीरिया में उनकी सैन्य हार ने अफगानिस्तान सहित अन्य देशों तक खतरे का विस्तार किया है. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में एक इस्लामी अमीरात की घोषणा के बाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्लामी हिंसा के फिर से सिर उठाने के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं.
तालिबान आईएसआईएस का दोस्त नहीं है और काबुल हवाईअड्डे को आईएसआईएस के हमलों से बचाने के लिए नयी तालिबान सरकार से पहले ही कुछ सहयोग भी मिल चुका है. लेकिन चरमपंथी अफगानिस्तान में अमेरिका नीत सैन्य गठबंधन की हार से प्रेरित हुए हैं और मुस्लिम और गैर-मुस्लिम लोगों के बीच संघर्ष की अपनी वैश्विक आकांक्षा को जारी रखने के लिए उत्साहित हुए हैं.