रोम : वैश्विक महामारी कोविड-19 से निबटने की लड़ाई में बड़ी भूमिका निभा रहे डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि वे बिना हथियार के युद्ध के मैदान में उतर गए हैं.
याओंदे से लेकर रोम, रोम से लेकर न्यूयॉर्क तक 20 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से विश्वभर में संक्रमित हैं और 1.28 लाख से ज्यादा लोगों की इससे जान जा चुकी है.
अस्पताल के कर्मचारी सुरक्षा उपकरणों की कमी के साथ बड़ी संख्या में रोजाना संक्रमित लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहे है और ऐसा करते हुए कई बार खुद भी इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
कोविड-19 से निबटने की इस लड़ाई में अग्रिम योद्धा होने का एहसास क्या होता है, यह जानने के लिए ‘एएफपी’ के पत्रकारों ने दुनियाभर में स्वास्थ्यकर्मियों से बात की.
दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक इटली में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद कई डॉक्टरों और नर्सों की जान जा चुकी है और हजारों स्वास्थ्यकर्मी वायरस से संक्रमित हैं.
रोम में टॉर वर्गाटा अस्पताल के कोविड-19 गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) की नर्सिंग समन्वयक सिल्वाना डे फ्लोरियो ने संक्रमण से बचने के लिए मास्क, वाइजर, दस्ताने, स्क्रब और सूट वाली एक उचित किट के महत्व को रेखांकित किया.
उन्होंने कहा, 'हम इसके लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं करते, लेकिन सात घंटे की शिफ्ट में करीब 40 से 50 मिनट तैयार होने (सूट पहनने) में लगते हैं.'
देखभाल कर्मी को मास्क ना पहनने के लिए डांटने के बाद उन्होंने कहा, 'हाथ धोने और उन्हें संक्रमण मुक्त करने में हमें रोजाना 60 से 75 मिनट लगते हैं. चिकित्साकर्मी ऐसे संकट के समय बीमार पड़ने का जोखिम नहीं ले सकते.
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