लंदन : ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमंस में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और नेता प्रतिपक्ष केर स्टरामर के बीच उपचुनाव के लिए छपे विवादित पर्चे को लेकर तीखी बहस हुई. इस पर्चे को ब्रिटेन में रह रहे भारतीय समुदाय ने विभाजनकारी और भारत विरोधी करार दिया है.
सदन में बुधवार को प्रधानमंत्री से पूछे जाने वाले सवाल (पीएमक्यू) सत्र के दौरान नस्लवाद के मुद्दे पर तीखी बहस हुई. जॉनसन ने उस पर्चे को हाथ लिया था जिसमें उन्हें वर्ष 2019 के जी-7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाथ मिलाते दिखाया गया है और संदेश लिखा है, टॉरी सांसद (कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों के लिए इस्तेमाल होने वाली शब्दावली) का जोखिम नहीं लें, वे आपके पक्ष में नहीं है.
उन्होंने लेबर पार्टी के नेता से मांग की कि वे पर्चों को वापस ले जिनका इस्तेमाल हाल में उत्तर इंग्लैंड के बैटले ऐंड स्पेन सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया था. इस सीट पर विपक्षी पार्टी ने जीत दर्ज की है.
जॉनसन ने कहा, क्या अब मैं उन्हें कह सकता हूं कि वे इस पर्चे को वापस लें जो मेरे हाथ में है और जिसे लेबर पार्टी द्वारा बैटले ऐंड स्पेन उप चुनाव के दौरान प्रकाशित किया गया था और खुद उनकी पार्टी के नेताओं ने उसे नस्लवादी करार देते हुए निंदा की थी.
हालांकि, लेबर पार्टी नेता इंग्लैंड के फुटबॉल खिलाड़ियों द्वारा मैदान में झेले जाने वाले नस्लवादी दुर्व्यवहार के संदर्भ में कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा विरोध नहीं करने की टिप्पणी पर अड़े दिखाई दिए.
उन्होंने कहा, यह बहुत आसान है, प्रधानमंत्री नस्लवाद के खिलाफ इंग्लैंड के खिलाड़ियों के साथ खड़े रहे या वह अपने, अपने मंत्रियों और सांसदों के रिकॉर्ड का बचाव कर सकते हैं, लेकिन वह दोनों बाते नहीं कर सकते हैं. क्या वह सदन में कह सकते हैं कि वह उनकी आलोचना करने में असफल रहने पर खेद जताते हैं जिन्होंने नस्लवाद के साथ खड़े होने पर इंग्लैंड के खिलाड़ियों का तिरस्कार किया. स्टारमर ने इस मुद्दे पर खासतौर पर गृहमंत्री प्रीति पटेल का संदर्भ दिया.