नई दिल्ली: आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है. यूएन में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने इसकी जानकारी दी.
UN में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने दी जानकारी भारत लंबे समय से मसूद पर प्रतिबंध की मांग कर रहा था, लेकिन चीन वीटो पावर का इस्तेमाल कर अड़ंगा लगा रहा था. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के संयुक्त प्रस्ताव पर अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है.
UN के फैसले के बाद फ्रांस ने इसका स्वागत किया. एक बयान में फ्रांस की ओर से कहा गया है कि फ्रांस लगातार इस दिशा में प्रयास कर रहा था. बयान में कहा गया कि फ्रांस खास तौर से भारत के जम्मू-कश्मीर में हुए पुलवामा हमले के बाद फ्रांस ने 15 मार्च को राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने का एलान किया था.
मसूद पर UN के फैसले के बाद फ्रांस ने दिया बयान फ्रांस ने कहा कि UNSC 1267 सैंक्शन कमिटी के फैसले का वे स्वागत करते हैं. इस फैसले के बाद मसूद UN की ISIL और अल कायदा प्रतिबंध सूची में शामिल हो जाएगा.
मसूद पर UN के फैसले के बाद फ्रांस ने दिया बयान बता दें कि भारत के समर्थन में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त प्रस्ताव लाकर मसूद पर बैन की मांग की है. इस पर संयुक्त राष्ट्र की आज बैठक होनी है जिसमें मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा सकता है.
दरअसल, चीन ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के मामले में वैश्विक निकाय की प्रतिबंध समिति में प्रासंगिक विचार-विमर्श जारी है और मामले में 'थोड़ी प्रगति' हुई है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में पूछा गया कि क्या यह मुद्दा बुधवार तक सुलझ जाएगा, इस पर उन्होंने कहा, 'मैं केवल यह कह सकता हूं कि मैं विश्वास करता हूं कि इसे समुचित तरीक से सुलझा लिया जाएगा.'
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि चीन संभवत: बुधवार को अजहर मामले में तकनीकी रोक हटा सकता है, पर उन्होंने कहा, 'हमने इसपर पूरी तरह से अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है. चीन मामले में सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है और हम सकारात्मक रूप से मामले की समीक्षा और वार्ता करते रहेंगे.'
गेंग ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'यूएनएससी में 1267 प्रतिबंध समिति में मामले को सूचीबद्ध करने के बारे में, हमने कई बार अपनी स्थिति स्पष्ट की है और मैं केवल कुछ बिंदुओं पर जोर देना चाहता हूं. पहला, हम इसका समर्थन करते हैं कि सूचीबद्ध मामले को वार्ता के जरिए 1267 समिति में सुलझाना चाहिए और विश्वास करते हैं कि इसकी अधिकतर सदस्यों में आम सहमति है.'
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प्रवक्ता ने कहा, 'दूसरा, प्रासंगिक विचार विमर्श समिति के अंदर जारी है और इसमें हमले कुछ प्रगति हासिल की है. तीसरा मैं विश्वास करता हूं कि सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों से, यह मामला पूरी तरह सुलझ सकता है.'
उन्होंने यह बयान उन संकेतों के बीच दिया है कि चीन जल्द ही अजहर को सूचीबद्ध करने के लिए अपनी 'तकनीकी रोक' को हटा सकता है.
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी. हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. चीन लगातार अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के प्रयास के बावजूद अजहर को सूचीबद्ध करने को लेकर टांग अड़ाता रहा है.
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भारत को उम्मीद है कि चीन उसकी चिंताओं पर संवेदनशील रुख अपनाएगा और अजहर को सूचीबद्ध करने के लिए अपनी सहमति देगा.