इडुक्की (केरल) : इजराइल में फलस्तीन के रॉकेट हमले में जान गंवाने वाली केरल की 30 वर्षीय महिला का परिवार सदमे से बाहर नहीं निकल पा रहा है. वे अब भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि वे अब कभी उसे नहीं देख पाएंगे.
इजराइल के एशकेलन में बुजुर्ग महिला की रखवाली करने वाली सौम्या के परिवार ने कभी कल्पना नहीं की थी कि एक दर्दनाक घटना में उनकी मौत हो जाएगी. इडुक्की जिले के कीरिथोडू के निवासी सौम्या के पति संतोष अपने नौ वर्षीय बेटे को दिलासा देते-देते थक गए हैं, लेकिन वह अब भी इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि उसकी मां इस दुनिया में नहीं है.
संतोष ने यहां अपने आंसुओं को थामते हुए पत्रकारों से कहा कि वह उसका फोन आने का इंतजार कर रहा है. सात साल तक इजराइल में मेहनत करने के बाद सौम्या केरल लौटकर बेहतर जीवन जीने की योजना बना रही थीं कि अचानक यह घटना हो गई. सौम्या ने मंगलवार दोपहर अपने पति को की गई वीडियो कॉल के दौरान इजराइल के एशकेलन शहर में तनावपूर्ण माहौल के बारे में बताया था. हालांकि वह नहीं जानती थीं कि यह उनके जीवन की आखिरी कॉल होगी.
सौम्या फोन पर जब इलाके में युद्ध जैसे हालात पैदा होने के बारे में बता रही थीं तब संतोष ने दूसरी ओर से तेज आवाज सुनी. इस दौरान सौम्या का फोन गिर गया. संतोष ने कहा कि मैंने फोन पर हैलो, हैलो कहा, लेकिन दूसरी ओर से कोई जवाब नहीं मिला. एक-डेढ़ मिनट बाद तक मुझे दूसरी ओर से कुछ लोगों की आवाज सुनाई देती रही. कॉल जारी थी. संतोष ने खतरे को भांपकर तत्काल अपने परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी दी, जो एक्शेलन में सौम्या के मित्रों के संपर्क में थे. इसके बाद उन्हें सौम्या की दर्दनाक मौत की खबर मिली.