कोलंबो : श्रीलंका ने मंगलवार को अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय गान के तमिल संस्करण के प्रस्तुतीकरण को हटा दिया. साल 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है. इससे अल्पसंख्यक तमिलों के साथ सामंजस्य बैठाने की सरकार की नीतियों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने यहां 72वें राष्ट्रीय दिवस के मौके पर पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, 'मैं आज राष्ट्रपति के तौर पर जातीयता, धर्म, पार्टी संबद्धता या अन्य मतभेदों से परे पूरे श्रीलंका का प्रतिनिधित्व करता हूं.'
उन्होंने कहा कि वह नागरिकों की आजादी सुनिश्चित करेंगे, जिसमें प्रेस की आजादी और अभिव्यक्ति का अधिकार शामिल है.
बता दें कि आज हुए समारोह में केवल सिंहली भाषा में ही राष्ट्रगान की धुन बजाई गई. साल 2016 के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है कि देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में तमिल में राष्ट्र गान का प्रस्तुतीकरण नहीं हुआ.