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कोविड के उपचार में प्रभावी पाई गई है फाइजर की दवा पैक्सलोविड - Paxlovid

सिडनी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पता चला है कि फाइजर कंपनी की एंटी-वायरल कोविड दवा पैक्सलोविड कोरोना के उपचार में प्रभावी पाई गई है. पैक्सलोविड घर पर इस्तेमाल के लिए प्रभावी कोविड रोधी दवा बताई जा रही है. इसके पीछे उद्देश्य है कि संक्रमण के शुरुआती संकेतों पर ही इसे दे दिया जाए ताकि गंभीर रूप से संक्रमण को या मृत्यु को टाला जा सके.

फाइजर की दवा पैक्सलोविड
फाइजर की दवा पैक्सलोविड

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Published : Nov 13, 2021, 6:03 PM IST

मेलबर्न : फाइजर (Pfizer) कंपनी का कहना है कि उसकी एंटीवायरल कोविड दवा पैक्सलोविड (Paxlovid) संक्रमित रोगी को अस्पताल में भर्ती कराने या उसकी मृत्यु की आशंका को 89 प्रतिशत तक कम कर देती है.

महामारी शुरू होने के बाद उपचार के जो अन्य तरीके और दवाएं इस्तेमाल किये जाते रहे हैं, उनसे यह इस तरह भिन्न है कि यह रोगी को घर पर ही उपचार का अवसर देती है जिसमें एक कैप्सूल और एक गोली दी जाती है.

इसके संबंध में दूसरे और तीसरे चरण के आंकड़े अभी स्वतंत्र तरीके से सत्यापित नहीं किए गए हैं. न ही किसी देश ने क्लीनिकल परीक्षण के अतिरिक्त इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है.

फिर भी यह घटनाक्रम कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स-सीओवी-2 को सीधे केंद्रित करने तथा कोविड के लक्षणों का उपचार करने के प्रभावी विकल्पों का दायरा बढ़ाने वाला है.

पैक्सलोविड क्या है?

पैक्सलोविड दो अलग-अलग दवाओं का संयुक्त रूप है. इसमें एचआईवी रोधी दवा रिटोनाविर (कैप्सूल के रूप में) और प्रायोगिक दवा पीएफ-07321332 (गोली के रूप में) दी जाती है। रिटोनाविर शरीर को पीएफ-07321332 के चयापचय (मेटाबोलिजिंग) से बचाती है. यह शरीर में जाकर खंडित हो जाती है और सुनिश्चित करती है कि वायरस तक पर्याप्त पीएफ-07321332 पहुंचे.

पीएफ-07321332 तथाकथित 'प्रोटीज इन्हीबिटर' है जो महत्वपूर्ण एंजाइम (प्रोटीज) की सक्रियता को रोकता है और सार्स-सीओवी2 को उसका प्रसार करने से रोकता है.

परीक्षण में क्या पता चला?

परीक्षण में 1,219 ऐसे वयस्क शामिल थे जो अत्यंत जोखिम वाली श्रेणी में थे, लेकिन अस्पताल में नहीं थे. प्रत्येक संक्रमित में कोविड का खतरा गंभीर होने के साथ ही कम से कम एक कोई अन्य बीमारी थी. एक समूह का उपचार उक्त दवा से किया गया और दूसरे समूह को प्लासेबो दिया गया यानी कोई और अन्य दवा दी गई लेकिन उन्हें लगा कि उनका इलाज किया जा रहा है.

अध्ययन के 28वें दिन पैक्सलोविड वाले समूह में किसी की मृत्यु नहीं हुई, वहीं प्लासेबो वाले समूह में दस लोगों की मौत हो गई. दोनों ही समूहों में एक जैसे दुष्प्रभाव नजर आये जो हल्के थे.

कंपनी ने कहा कि परिणाम इतने उत्साहजनक हैं कि अध्ययन में किसी नए रोगी को शामिल करने की जरूरत नहीं समझी गई. कंपनी से सिफारिश की गई है कि आपात उपयोग की स्वीकृति के लिए परीक्षण के आंकड़े अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) को जमा किये जाएं.

ऑस्ट्रेलिया में इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति से पहले थेरापेटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) को इसके प्रभाव और सुरक्षा का आकलन करना होगा. टीजीए को फैसला करना होगा कि इस दवा का परामर्श कौन दे सकता है और किस स्थिति में इसे देने की राय दी जा सकती है.

पैक्सलोविड घर पर इस्तेमाल के लिए प्रभावी कोविड रोधी दवा बताई जा रही है. इसके पीछे उद्देश्य है कि संक्रमण के शुरुआती संकेतों पर ही इसे दे दिया जाए ताकि गंभीर रूप से संक्रमण को या मृत्यु को टाला जा सके. इसके साथ लोग अपने खुद के लक्षणें का प्रबंधन करेंगे और घर पर ही निगरानी में रहेंगे. हालत बिगड़ने पर ही उन्हें अस्पताल भेजना होगा.

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मर्क कंपनी की एंटीवायरल दवा मोलनुपिराविर भी घर पर उपयोग के लिए है. इसे ब्रिटेन में उपयोग के लिए स्वीकृति दी गई है और ऑस्ट्रेलिया में इसके इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है.

इसके बाद एस्ट्राजेनेका कंपनी की दवा इवुशेल्ड है. मानव परीक्षण दिखाते हैं कि इवुशेल्ड का कोविड की रोकथाम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन यह टीकाकरण का विकल्प नहीं हो सकती.

(पीटीआई-भाषा)

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