इस्लामाबाद :अफगानिस्तान में 2001 में हमले के मकसद करने और फिर कमजोर स्थिति से तालिबान के साथ राजनीतिक समाधान ढूढने की कोशिश को लेकर अमेरिका की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अमेरिका ने वाकई अफगानिस्तान में चीजें अस्त-व्यस्त कर दी है.
इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति का एकमात्र बेहतर समाधान राजनीतिक समझौता ही है जो समावेशी हो और इसमें तालिबान समेत सभी गुट शामिल है.
स्थानीय मीडिया से बातचीत के दौरान इमरान खान ने कहा, मैं समझता कि अमेरिका ने वाकई वहां चीजें अस्त-व्यस्त कर दी है. तालिबान के साथ हुए करार के तहत अमेरिका और उसके नाटो सहयोगी देश आतंकवादियों के इस वादे के बदले अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमत हो गए है कि वे चरमपंथी संगठनों को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां चलाने से रोकेंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा कि अमेरिकी सैनिक 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से बुला लिए जाएंगे.
खान ने अफगानिस्तान में सैन्य हल ढूंढने की कोशिश के लिए अमेरिका की आलोचना कि क्योंकि कभी वैसा कुछ संभव नहीं है और मुझ जैसे जो लोग यह कहते रहे कि कोई सैन्य समाधान संभव नहीं है. क्योंकि हमें अफगानिस्तान का इतिहास मालूम था, तब हमें मुझ जैसे लोगों को अमेरिका-विरोधी कहा गया. मुझे तालिबान खान कहा गया.
उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जबतक अमेरिका को यह अहसास हुआ कि अफगानिस्तान में कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता तब तक दुर्भाग्य से अमेरिकियों एवं नाटो की मोल-भाव की शक्ति चली गई.