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उत्तर कोरिया ने दागी बैलिस्टिक मिसाइल, वॉरहेड कैमरे से जारी की पृथ्वी की तस्वीरें

प्योंगयांग ने रविवार को ह्वासोंग-12 बैलिस्टिक मिसाइल (Hwasong 12 ballistic missile fired) दागी, जो 2017 के बाद से सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसके बाद पड़ोसी देशों जापान और दक्षिण कोरिया में टेंशन बढ़ (Tension rises in Japan and South Korea) गई है. उत्तर कोरियाई मीडिया ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है.

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प्रतीकात्मक फोटो

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Published : Feb 1, 2022, 6:42 PM IST

नई दिल्ली :उत्तर कोरिया ने बरसों बाद लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी (Hwasong 12 ballistic missile fired) और वॉरहेड कैमरे से पृथ्वी की तस्वीरें (Photos of Earth with Warhead Cameras) जारी की हैं. राज्य के स्वामित्व वाली कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (Korean Central News Agency) ने मिसाइल के परीक्षण की पुष्टि की, जिसे जापान के सागर में 800 किलोमीटर दूर लक्षित किया गया था.

केसीएनए ने कहा कि रविवार की फायरिंग पड़ोसी देशों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जापान के सागर के देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से से पानी की ओर उच्चतम कोण प्रक्षेपण प्रणाली द्वारा आयोजित की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ह्वासोंग-12 मिसाइल को तैनात किया जा रहा है, यह कहते हुए कि उत्तर कोरिया ने उत्पादन के तहत हथियार प्रणाली की ऑपरेशन की सटीकता, सुरक्षा और प्रभावशीलता की पुष्टि की है.

सीएनए ने मिसाइल के वॉरहेड पर लगे कैमरे से ली गई अंतरिक्ष से पृथ्वी की तस्वीरें भी साझा कीं. जापान और दक्षिण कोरिया दोनों ने प्रक्षेपणों की निंदा की है. सियोल ने कहा कि मिसाइल जापान सागर में गिरने से पहले 2000 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच गई थी. क्योडो समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस महीने उत्तर कोरिया द्वारा परीक्षण का यह सातवां दौर था. जापानी रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि ह्वासोंग-12 की सीमा लगभग 5000 किमी है, जो पूरे जापानी द्वीप समूह और गुआम के अमेरिकी क्षेत्र को अपनी पहुंच के भीतर लाएगी.

मिसाइल प्रक्षेपणों की श्रृंखला की आलोचना करते हुए जापानी रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ उकसावे के चरण को एकतरफा बढ़ाना है. उत्तर कोरिया के मिसाइलों के निरंतर परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार परीक्षण फायरिंग से प्योंगयांग अमेरिका के साथ बातचीत का संकेत देता दिख रहा है. इसने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में दक्षिण कोरिया के साथ बात करने का प्रयास किया है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जून 2018 में किम के साथ अपने सिंगापुर शिखर सम्मेलन में पूर्ण परमाणुकरण के बदले प्योंगयांग को सुरक्षा गारंटी प्रदान करने का वादा किया था.

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उत्तर कोरिया ने तब से परमाणु और आईसीबीएम परीक्षणों को रोक दिया है लेकिन दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षो में परमाणु निरस्त्रीकरण और प्रतिबंधों से राहत पर कोई प्रगति नहीं की है. बाइडेन प्रशासन ने संकेत दिया है कि वह रुकी हुई वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है, लेकिन पिछले साल प्योंगयांग द्वारा मिसाइलों की विविधता का परीक्षण शुरू करने के बाद अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने भी देश के सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करना शुरू कर दिया है.

(आईएएनएस)

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