नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायलय के फैसले को लागू करने के अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर पाया. एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान को मूल मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रासंगिक दस्तावेजों का प्रावधान और कुलभूषण को अप्रभावित कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान करना शामिल है.
भारत ने पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की सजा पर पुनर्विचार के लिये स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने को लेकर एक भारतीय वकील या क्वींस काउंसल को नियुक्त करने की अपील की.
उल्लेखनीय है कि क्वींस काउंसल एक ऐसा बैरिस्टर या अधिवक्ता होता है, जिसे लॉर्ड चांसलर की सिफारिश पर ब्रिटिश महारानी के लिये नियुक्त किया जाता है.
पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश की अवधि चार महीने बढ़ा दी है, जो जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देता है, जैसा करने की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा जरूरत बताई गई थी. इसके बाद, भारत ने यह बयान जारी किया है.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उसे अभी मुख्य मुद्दों का हल करना बाकी है, जिनमें मामले से जुड़े सभी दस्तावेज शामिल कर जाधव को बिना शर्त एवं बेरोक-टोक राजनयिक पहुंच मुहैया करना तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिये एक भारतीय वकील या क्वींस काउंसल नियुक्त करना शामिल है.
उल्लेखनीय है कि रिटायर्ड नौसैनिक अधिकारी जाधव पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद हैं और मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए वकील की नियुक्त के मामले पर सुनवाई चल रही है.
जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. भारत इस फैसले को चुनौती देने के लिए आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. हेग स्थित आईसीजे ने मौत की सजा पर रोक लगा दी थी और कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा की प्रभावी समीक्षा करनी चाहिए और बिना देरी भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए.
विदेश मंत्रालय ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध पर कहा कि टकराव वाले सभी इलाकों से यथाशीघ्र सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये चीन को भारत के साथ गंभीरता से काम करना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने लद्दाख में सीमा विवाद पर कहा कि हाल ही में हुई मंत्री स्तरीय वार्ता में यह सहमति बनी कि सैनिकों को शीघ्र और पूर्ण रूप से हटाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को तनाव बढ़ा सकने वाली गतिविधियों से दूर रहते हुए टकराव वाले इलाकों में तनाव घटाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. हम आशा करते हैं कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का पूरी तरह से सम्मान करेगा और एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोई और कोशिश नहीं करेगा.
झेनहुआ डेटा लीक
उन्होंने झेनहुआ डेटा लीक पर कहा कि यह एक निजी संस्था है जिसका चीनी सरकार से कोई संबंध नहीं है. भारत सरकार ने 30 दिनों में रिपोर्ट का अध्ययन करने, कानून के उल्लंघन का आकलन करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक के तहत समिति का गठन किया है.
फिलिस्तीन का समर्थन
फिलिस्तीन के मुद्दे पर उन्होंने कहा है कि फिलिस्तीन को लेकर हमारा पारंपरिक समर्थन जारी है और दो-राज्य समाधान के लिए प्रत्यक्ष वार्ता को फिर से शुरू करने की उम्मीद करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमने, इजराइल, यूएई, बहरीन और अमेरिका के बीच अब्राहम अकॉर्ड का अनुसरण किया है. भारत ने हमेशा पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन किया है. हम इजराइल, यूएई और बहरीन के बीच संबंधों के सामान्यीकरण करने के लिए इन समझौतों का स्वागत करते हैं.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधि द्वारा भारतीय भूभाग को पाक का हिस्सा दिखाते हुए काल्पनिक नक्शा का इस्तेमाल किये जाने पर बैठक से भारत के बाहर निकल जाने के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने बैठक के पहले, इसके दौरान और बाद में कहा कि भारत ने अध्यक्ष और एससीओ सदस्य देशों के समक्ष अपनी आपत्ति जताई थी.