सिंगापुर/नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर एग्जीबिशन का उद्धघाटन करते हुए सत्र को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान सिंगापुर और भारत के रिश्तों को रेखांकित किया और कहा कि हम तब साथ आए थे जब दुनिया बदल रही थी और भारत भी. दो बदलावों के शिखर पर थे. उन्होंने इस दौरान भारत-चीन के बीच के व्यापारिक रिश्तों पर भी चर्चा की. उन्होंने चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों पर चिंता जताया.
सिंगापुर में भारत के साथ संबंधों का जिक्र
जयशंकर ने कहा 'राजनीतिक, रणनीतिक और साथ ही आर्थिक वाणिज्यिक क्षेत्रों में, सिंगापुर भारत की नीतियों के लिए एक पूर्ण केंद्र बन गया है. आज, द्विपक्षीय संबंध के रूप में जो कुछ शुरू हुआ है, वह बहुत व्यापक है.
उन्होंने कहा कि नियम आधरित मुद्दों पर दोनों देशों की सोच काफी मिलती है. जयशंकर ने सिंगापुर और भारत के मजबूत रिश्ते को देश के लिए अहम बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि जब हम (भारत और सिंगापुर) अपने संबंधों के समकालीन दौरे में साथ आए. तो वो ऐसा समय था जब दुनिया बदल रही थी.
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उन्होंने कहा कि भारत में उस समय भुगतान संकट था और आर्थिक सुधारों पर काम चल रहा था. उस समय भारत ने सिंगापुर का रुख किया और सिंगापुर ने प्रतिक्रिया भी दी. सिंगापुर तभी से भारत की वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है.