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चीन के साथ व्यापारिक रिश्ता चिंताजनक: एस जयशंकर - S Jaishanakar on india china relation

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा स्टार्टअप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन में अपना पक्ष रखा. उन्होंने सिंगापुर को भारत का मजबूत साझेदार कहा. साथ ही उन्होंने चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों पर चिंता भी जताया.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर

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Published : Sep 9, 2019, 7:00 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 12:49 AM IST


सिंगापुर/नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर एग्जीबिशन का उद्धघाटन करते हुए सत्र को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान सिंगापुर और भारत के रिश्तों को रेखांकित किया और कहा कि हम तब साथ आए थे जब दुनिया बदल रही थी और भारत भी. दो बदलावों के शिखर पर थे. उन्होंने इस दौरान भारत-चीन के बीच के व्यापारिक रिश्तों पर भी चर्चा की. उन्होंने चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों पर चिंता जताया.

सिंगापुर में भारत के साथ संबंधों का जिक्र
जयशंकर ने कहा 'राजनीतिक, रणनीतिक और साथ ही आर्थिक वाणिज्यिक क्षेत्रों में, सिंगापुर भारत की नीतियों के लिए एक पूर्ण केंद्र बन गया है. आज, द्विपक्षीय संबंध के रूप में जो कुछ शुरू हुआ है, वह बहुत व्यापक है.

ट्वीट सौ एनआई

उन्होंने कहा कि नियम आधरित मुद्दों पर दोनों देशों की सोच काफी मिलती है. जयशंकर ने सिंगापुर और भारत के मजबूत रिश्ते को देश के लिए अहम बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि जब हम (भारत और सिंगापुर) अपने संबंधों के समकालीन दौरे में साथ आए. तो वो ऐसा समय था जब दुनिया बदल रही थी.

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उन्होंने कहा कि भारत में उस समय भुगतान संकट था और आर्थिक सुधारों पर काम चल रहा था. उस समय भारत ने सिंगापुर का रुख किया और सिंगापुर ने प्रतिक्रिया भी दी. सिंगापुर तभी से भारत की वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है.

जयशंकर ने कहा कि 1992 में भारत ने भारत एशियाई साझेदारी शुरु की और 2005 तक हम पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के सदस्य थे. इस अवधि के दौरान सिंगापुर भारत निवेश का प्रत्यक्ष स्रोत था. उन्होंने कहा कि भारत का लगभग 20 प्रतिशत निवेश सिंगापुर से आया था और 9000 से अधिक भारतीय कंपनियां यहां पंजीकृत थी.

जयशंकर ने कहा कि सिंगापुर पहले देश था, जिसके साथ भारत ने व्यापाक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

उन्होंने कहा कि हमारे बीच बहुत मजबूत रक्षा संबंध हैं. हमने बिना किसी रुकावट के नौसेना अभ्यास के 25 साल पूरे कर लिए हैं जो मुझे लगता है कि भारत का दुनिया में किसी भी देश के साथ ये सबसे लंबा अभ्यास है.

चीन के साथ व्यापारिक रिश्ता चिंताजनक

ट्वीट सौ एनआई

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संवादात्मक सत्र के दौरान कहा कि भारत की बड़ी चिंताओं में चीन के साथ इसके संबंध शामिल है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ हम बहुत बड़ा व्यापार-घाटा चलाते हैं इसका प्रमुख कारण है अनुचित तरीके से लगाए गए बाजार प्रतिबंध.उन्होंने इस दौरान भारत-सिंगापुर संबंधो की मजबूती को दोहराया.

Last Updated : Sep 30, 2019, 12:49 AM IST

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