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बेरूत धमाका पटाखों और अमोनियम नाइट्रेट से हुआ और विनाशक !

लेबनान की राजधानी बेरूत में हुआ धमाका पटाखों और अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल से और भीषण हुआ. इस धमाके के कारण हुए नुकसान से संकेत मिलता है कि इसमें उन रसायनों का इस्तेमाल किया गया जो आमतौर पर उर्वरक में किया जाता है.

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Published : Aug 5, 2020, 10:57 PM IST

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बेरूत धमाका

बेरूत : विशेषज्ञों और धमाके के वीडियो से संकेत मिलता है कि लेबनान की राजधानी बेरूत में हुआ धमाका पटाखों और अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल से और भीषण हुआ.

इस धमाके के कारण हुए नुकसान से संकेत मिलता है कि इसमें उन रसायनों का इस्तेमाल किया गया जो आमतौर पर उर्वरक में किया जाता है.

इस आपदा की शुरुआत के जो वीडियो मिले हैं उसमें दिख रहा है कि भारी धमाके से कुछ देर पहले तक लपटों से निकल रहे धुंए के भीतर चिंगारी और रोशनी दिख रही है.

इजराइली कंपनी तमार समूह के मालिक बोयज हेओउन ने कहा, इससे संकेत मिलता है कि पटाखे की वजह से धमाका हुआ. उल्लेखनीय है कि तमार समूह विस्फोटक की सुरक्षा और प्रमाणन में इजराइली सरकार के साथ काम करता है.

उन्होंने कहा, ' धमाके से पहले आप आग के केंद्र में देखिए, आप चिंगारी देख सकते हैं, आप पॉपकार्न बनाते समय जैसी आवाज निकलती हुई सुन सकते हैं, आप सीटी की आवाज सुन सकते हैं.'

कैलिफोर्निया के मोंटरेरी स्थित मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के मिसाइल विशेषज्ञ जेफरी लिविस का भी इसी तरह का आकलन है. उन्होंने कहा, ' यह पटाखों के फूटने का गुन है, दृश्य, आवाज और छोटी से आग से विशाल धमाका. यह हादसा जैसा लगता है. '

उन्होंने कहा, 'सबसे पहले, धमाके से पहले आग दिखाई देती है, जो हमला नहीं है और कुछ वीडियो युद्ध सामग्री दिखा रहे है जिन्हें मैं पॉपकॉर्न फूटने जैसा कहूंगा. यह आग से विस्फोट करने के दौरान बहुत सामान्य है.'

लिविस ने कहा, धमाके के बाद सफेद बादलों का संघनन लगता है जो आर्द्र परिस्थिति में धमाके बाद बहुत सामान्य है.

उन्होंने कहा कि विस्फोट के बाद नांरगी रंग के बादल संभवत जहरीली नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड गैस है जो विस्फोट में मौजूद नाइट्रेट की वजह से निकली.

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विशेषज्ञ धमाका कितना शक्तिशाली है इसका आकलन विस्फोट स्थल के पास बनने वाले गड्ढे के आधार पर करते हैं और बुधवार सुबह विमान के जरिये ली गई तस्वीर में विशाल गड्ढा दिख रहा है.

टेक्सास की निजी खुफिया कंपनी स्ट्राटफोर के हथियार विशेषज्ञ और विश्लेषक सिम टैक ने कहा, गड्ढे और विस्फोट स्थल से कई किलोमीटर दूर खिड़कियों के टूटने के आधार पर कहा जा सकता है कि बेरूत धमाके की तीव्रता 2.2 किलोटन टीएनटी विस्फोट के बराबर थी.

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