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महामारी के बीच मना क्रिसमस: चर्च बंद रहे, सीमाओं पर भी रही बंदिशें

कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच दुनियाभर में क्रिसमस मनाया गया. लोगों ने कर्फ्यू, पृथकवास और यहां तक की सीमाओं के बंद होने से उत्पन्न जटिल परिस्थिति के बीच त्योहार मनाया.

christmas amid pandemic
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Published : Dec 25, 2020, 11:11 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 9:08 PM IST

रोम :कर्फ्यू, पृथकवास और यहां तक की सीमाओं के बंद होने से उत्पन्न जटिल परिस्थिति के बीच शुक्रवार को दुनियाभर में क्रिसमस का त्योहार मनाया गया. महामारी के नकारात्मक माहौल के बावजूद लोगों की श्रद्धा और प्रतिबद्धता ने इस दिन को खास बनाए रखा.

बिना लक्षण वाले दो कोविड-19 मरीज

बीजिंग के आधिकारिक गिरिजाघरों (चर्चों) ने अंतिम समय में सामूहिक प्रार्थना को रद्द कर दिया. यह कदम चीन की राजधानी में पिछले हफ्ते कोविड-19 के दो मामलों की पुष्टि होने के बाद जारी हाई अलर्ट के मद्देनजर उठाया गया. इसके अलावा शुक्रवार को भी यहां बिना लक्षण वाले दो कोविड-19 मरीज सामने आए हैं.

कोलंबिया में आर्थिक मंदी की मार

जेसुइट मिशनरी द्वारा 17वीं शताब्दी में मूल रूप से निर्मित बीजिंग के सेंट जोसफ चर्च पर सामूहिक प्रार्थना रद्द होने की सूचना चस्पी रही. सीमा बंद होने की वजह से कोलंबिया में रह रहे हजारों लोग आर्थिक मंदी का सामना कर रहे अपने वतन वेनेजुएला क्रिसमस पर परिवार से मिलने नहीं जा सके. कोलंबिया की सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सीमा को बंद कर दिया है, ऐसे में जो लोग क्रिसमस पर परिवार से मिलने वेनेजुएला आ भी गए हैं उन्हें अवैध तरीके से वापस जाना होगा.

नहीं मिल रही नौकरी

वेनेजुएला से दो साल पहले आई पेशे से नर्स याकलिन तमाउर ने कहा कि वह घर नहीं जा रही हैं. उन्होंने कहा कि उनके 10 और 15 वर्षीय दो बच्चों के लिए न तो क्रिसमस पर उपहार है और न ही कपड़े. तमाउर ने कहा कि कोलंबिया में निवास परमिट नहीं होने की वजह से नर्स की नौकरी नहीं मिल रही जबकि उनके माता-पिता वेनेजुएला में अब भी रह रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मेरी मां की पैर की हड्डी टूट गई है और वह ठीक से चल भी नहीं पा रही है जिसे लेकर मैं चिंतित हूं.'

सीमा पार हुए, लेकिन पृथकवास की मजबूरी

वहीं, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में सीमा पार करने में सफल भी हुए हैं तो उन्हें पृथकवास में रहना पड़ रहा है. ऐसे ही लोगों में नट्टासुदा अनुसोनादिसाई और पैट्रिक कैपलिन हैं जिन्होंने इस साल मार्च में शादी की थी और इस समय बैंकॉक के होटल में पृथकवास में हैं.

उन्होंने बताया कि वे साढ़े चार महीने की कनाडा और अमेरिका की यात्रा कर 32 घंटे की हवाई यात्रा कर लौटे हैं लेकिन थाईलैंड में उन्हें 14 दिनों तक पृथकवास में रहने की शर्त पर प्रवेश मिला है.

विदेशी नागरिकों को होटल का भुगतान

दंपति ने बताया कि थाई नागरिकों के लिए सरकार मुफ्त में रहने की व्यवस्था की है जबकि विदेशी नागरिकों को होटल का भुगतान करना होता है ऐसे में कैपलिन कनाडा के हैं और उन्हें भुगतान करना पड़ रहा है.

दक्षिण कोरिया में चर्च के एक समागम से ही कोरोना वायरस का संक्रमण फैला था ऐसे में लोगों ने सामूहिक प्रार्थना के बजाय घर में ही क्रिसमस मनाने को तरजीह दी.

क्रिसमस नहीं क्रिसमास्क

सियोल के पाजु निवासी सॉन्ग जू हेयोन ने कहा कि वह घर में ही सुरक्षित महसूस करती हैं. उन्होंने कहा, 'वह क्रिसमस जैसा महसूस नहीं कर रही हैं, सड़कों पर क्रिसमस की कोई धूम नहीं, यह क्रिसमास्क है.'

अफ्रीका के चर्चों में भीड़ नहीं

केन्या में लोगों को उस समय राहत मिली जब संक्रमण के दूसरे लहर के बीच हड़ताल पर गए डॉक्टरों ने क्रिसमस की शाम उसे वापस ले लिया. पूर्वी अफ्रीका के वाणिज्यक केंद्र में भी रात का कर्फ्यू होने की वजह से मध्य रात्रि की सामूहिक प्रार्थना के लिए चर्चों में भीड़ नहीं हुई.

पीपीई किट के साथ क्रिसमस कैरल

पेरिस में नोट्रेडम कैथड्रेल के कैरल गायक हैट और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनकर वर्ष 2019 में आग लगने के बाद पहली बार चर्च में क्रिसमस कैरल गाया. हालांकि, उन्होंने पीपीई किट कोविड-19 से बचने के लिए नहीं बल्कि निर्माण कार्य की वजह से उत्पन्न हालात की वजह से पहना. इस कार्यक्रम में जनता के शामिल होने की अनुमति नहीं थी. नोट्रेडम कैथेड्रल का वर्ष 2024 तक पुन: निर्माण करने का लक्ष्य है.

भीड़ रोकने को ऐतिहासिक लॉकडाउन

रोम में ऐतिहासिक सेंट पीटर स्क्वायर पर लोगों की भीड़ को रोकने के लिए आंशिक लॉकडाउन रहा, यहां हर साल हजारों की भीड़ जुटती थी और पोप के पारंपरिक क्रिसमस संदेश सुनने के बाद उनका आशीर्वाद लेती थी.

पोप को नहीं देख सके लोग

इटली में वायरस की वजह से लोग पोप को नहीं देख पाए क्योंकि वह सेंट पीटर बैसिलिका की मध्य बालकनी में नहीं आए, इसके बजाय उन्होंने एपोस्टोलिक पैलेस से ही वार्षिक संदेश देने का विकल्प चुना.

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फ्रांस जा रहे ट्रक चालक फंसे

इस साल क्रिसमस दुनिया के अन्य लोगों के लिए भी मुश्किल भरा रहा जिनमें से ब्रिटेन से फ्रांस जा रहे हजारों ट्रक चालक भी शामिल हैं जो कोविड-19 जांच रिपोर्ट नहीं होने की वजह से डोवर के बंदरगाह पर फंसे हुए हैं. कोविड-19 की वजह से बुजुर्गों की यात्रा पर लगी रोक की वजह से वे भी परिवार या दोस्तों के साथ क्रिसमस की छुट्टी मनाने बाहर नहीं जा सके.

Last Updated : Dec 29, 2020, 9:08 PM IST

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