बीजिंग : तिब्बत के भारत, भूटान और नेपाल सीमा से लगते दूरदराज़ के गांवों में, चीन अवसंरचना के विकास का प्रयास कर रहा है. यह जानकारी शुक्रवार को चीनी सरकार द्वारा जारी तिब्बत पर श्वेत पत्र से मिली है. 'तिब्बत 1951 से : मुक्ति, विकास और समृद्धि' शीर्षक के दस्तावेज में कहा गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास करना और तिब्बत में लोगों के जीवन में सुधार करना महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि सामरिक तौर अहम हिमालयी क्षेत्र 4,000 किलोमीटर लंबी बाहरी सीमा साझा करता है.
जीवन स्तर में सुधार की कोशिश
दस्तावेज में कहा गया है कि पास के इलाकों के निवासी मुश्किल जीवन जीते हैं और मुश्किल स्थितियों में काम करते हैं और वहां गरीबी भी ज्यादा है. सरकार सभी स्तरों पर सरहदी इलाकों का विकास कर लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने की कोशिश कर रही है.
सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता
दस्तावेज कहता है कि कम्युनिस्ट पार्टी के मार्ग दर्शन में तिब्बत में सीमा विकास के लिए साल दर साल आर्थिक आवंटन में इजाफा किया गया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 2012 में सत्ता में आने के बाद से सुरक्षा पर अतिरिक्त जोर देते हुए नए गांवों की स्थापना कर चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी गई है.
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