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चीन ने नाटो के बयान की निंदा की, कहा-खतरा आने पर खुद की रक्षा करेगा

अमेरिका समेत नाटो के सदस्य देशों ने घोषणा की कि चीन सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है. वॉशिंगटन ने चीन को एक विशेष खतरा बताया है, खासकर दक्षिण चीन सागर में और ताइवान के लिए भी, जिसे वह डराने-धमकाने के प्रयास करता रहता है.

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Published : Jun 15, 2021, 6:48 PM IST

बीजिंग : यूरोपीय संघ (European Union) में चीन के मिशन ने बीजिंग को सुरक्षा चुनौती (security challenge) बताने वाले नाटो (The North Atlantic Treaty Organization-NATO) के बयान की निंदा की है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि चीन तो वास्तव में शांति के लिए काम करने वाली ताकत है, जो खतरा आने पर स्वयं की रक्षा करेगा.

चीन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि नाटो का बयान चीन के शांतिपूर्ण विकास को बदनाम करने वाला, अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों एवं स्वयं नाटो की भूमिका का गलत आकलन करने वाला है और शीतयुद्ध (Cold War) की सोच तथा संगठनात्मक राजनीतिक मनोवृत्ति को दर्शाने वाला है.

अमेरिका समेत नाटो के सदस्य देशों ने घोषणा की कि चीन सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है. वाशिंगटन ने चीन को एक विशेष खतरा बताया है, खासकर दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में और ताइवान के लिए भी, जिसे वह डराने-धमकाने के प्रयास करता रहता है.

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चीन के मिशन ने कहा कि नाटो के सदस्य देशों के मुकाबले बीजिंग अपनी सेना पर कहीं कम खर्च करता है. उसने आरोप लगाया कि चीन से सैन्य खतरे की कल्पना की आड़ में संगठन अपने खुद के एजेंडा को सही साबित करना चाहता है.

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मिशन ने कहा कि चीन 'शांति कायम रखने के अधिकार को कभी नहीं छोड़ेगा लेकिन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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