हांगकांगः सरकार ने प्रदर्शनकारियों के मुखौटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. दरअसल चीन के राष्ट्रीय दिवस के दौरान हुए आंदोलन के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.
इस बात की जानकारी मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने दी. कैरी लैम ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन नियमों के अध्यादेशों के तहत यह आदेश दिया है.
हांगकांग प्रदर्शन पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट, देखें वीडियो... आपको बता दें, कैरी लैम को आपातकाल या सार्वजनिक खतरे के समय कोई भी नियम कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है.
52 सालों में पहली बार लागू कानून
गौरतलब है कि यह कानून 52 सालों में पहली बार लागू किया गया है.
लेम ने कहा कि हम मानते हैं कि नया कानून नकाब पहने हुए हिंसक प्रदर्शनकारियों और दंगे करने वालों के खिलाफ एक हानिकारक प्रभाव पैदा करेगा.
लेकिन लैम ने जोर देते हुए कहा कि शक्तियों के उपयोग का मतलब यह नहीं था कि सरकार ने आधिकारिक तौर पर आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर दी थी.
इससे पहले भी नकाबपोश प्रदर्शनकारी ने किया था हमला
हांगकांग मे एक अधिकारी कार्यकर्ता को लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने निशाना बना लिया. इनमें से एक प्रदर्शनकारी पहले तो अधिकारी पर चिल्लाई, इसके बाद उसने जोरदार मुक्का दे मारा. क्योंकि वह सेंट्रल हॉन्ग कॉन्ग की चार्टर हाउस बिल्डिंग में घुस गया था. प्रदर्शनकारी ने जोरदार मुक्के मारते हुए कहा कि हम सभी चीनी हैं.
लैम ने कहा,हांगकांग में आपातकाल की स्थिति नहीं
उन्होंने आगे कहा कि अध्यादेश का शीर्षक आपातकाल है लेकिन हांगकांग आपातकालीन स्थिति में नहीं है. घोषणा से पहले हजारों नकाब पहने हुए प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को शहर में मार्च किया.
बता दें इन प्रदर्शनकारियों में से कई ऑफिस कार्यकर्ता है.
हांगकांग के लिए डिक्टेटरशिप की दिशा में बड़ा कदम
आपको बता दें एक 34 साल के सर्जिकल मास्क पहने कार्यालय कर्मी मैरी ने बताया कि यंगस्टर्स अपनी जान को जोखिम में डाल कर 10 साल तक जेल जैसी जगह में बंद रहने को भी तैयार हैं. इसलिए मास्क पहनना कोई समस्या नहीं है. सरकार के आलोचकों ने यह चेतावनी भी दी कि यह कदम हांग कांग के लिए डिक्टेटरशिप की दिशा में एक बड़ा कदम है.
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मास्क पर प्रतिबंध से कम दिखेंगे प्रदर्शनकारी
इस संबंध में हांगकांग विश्वविद्यालय में लॉ के प्रोफेसर साइमन यंग ने कहा कि मॉस्क पर प्रतिबंध लगाने से ऐसा हो सकता है कि कुछ प्रदर्शनकारी सड़कों पर कम ही दिखाई दें.
हांगकांग मे प्रदर्शन एक जंग
बता दें एक लोकतंत्र समर्थक सांसद क्लाउडिया मो ने बताया कि यह एक वाटरशेड है. प्रदर्शन के समर्थन में बोलते हुए उन्होंने प्रदर्शन को जंग बताया है.
उन्होंने कहा कि मुझे चिंता है कि यह सिर्फ एक स्टार्टर हो सकता है. कानून के नाम पर और भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
चीन के स्वतंत्रता दिवस के दिन हुई हिंसा
गौरतलब है कि जब चीन अपने देश को मिली आजादी के 70 सालों का जश्न मना रहा था तो उस समय हांगकांग में पत्थरबाजी हुई. साथ ही बेहद ही भयावह हिंसा हुई.
बता दें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच घंटो तक सड़क पर लड़ाई भी हुई.
छतरियों और डंडों से पुलिस पर हमला, सीने में मारी गोली
दरअसल एक किशोरी जो कि एक ग्रुप का हिस्सा थी उसने छतरियों और डंडों से पुलिस पर हमला किया. इस किशोरी को सीने पर गोली मार दी गई. यह शूटिंग प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली थी.
कैरी लैम को अधिकार देना, विधायिका को दरकिनार करना
आपको बता दें आलोचकों ने कहा कि लैम को कानून बनाने का अधिकार देने का मतलब विधायिका को दरकिनार करना है. और यह अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र के लिए एक अच्छी बात नहीं होगी.
यह भी स्पष्ट नहीं है कि फेस मास्क प्रतिबंध कैसे लागू किया जाएगा.
2003 में एक घातक सार्स आउटब्रेक के बाद से, हांगकांग में फेस मास्क सर्वव्यापी हो गए हैं.
प्रदर्शनकारियों ने कानून तोड़ने की जताई इच्छा
यहां तक कि उदारवादी प्रदर्शनकारियों ने पहले से ही भारी संख्या में कानून को तोड़ने की इच्छा दिखाई है, जो उनके हजारों रैलियों में दिखाई देते हैं.
नरमपंथियों को होगा नुकसान
हांगकांग विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर साइमन यंग ने कहा कि नकाब प्रतिबंध सड़कों पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नरमपंथियों को नुकसान हो सकता है.