पेशावर/काबुल : अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद ने पिछली सरकारों के पूर्व अधिकारियों से देश लौटने की अपील की है और उन्हें पूरी सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा है कि रक्तपात के दौर का अंत हो गया है तथा अब युद्धग्रस्त देश के पुनर्निर्माण की एक बड़ी जिम्मेदारी है.
काबुल में कट्टरपंथी इस्लामी विद्रोहियों के सत्ता पर कब्जे के पश्चात अंतरिम मंत्रिमंडल की घोषणा होने के एक दिन बाद अखुंद ने बुधवार को कहा, हमने अफगानिस्तान में इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए भारी कीमत चुकाई है.
अखुंद ने कहा, हम पिछली सरकारों के अधिकारियों से देश लौटने की अपील करते हैं और हम उन्हें पूर्ण सुरक्षा देंगे. हमारे पास अब युद्ध से तबाह अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण की एक बड़ी जिम्मेदारी है.
अल-जज़ीरा समाचार चैनल के अनुसार, अखुंद ने कहा कि अफगानिस्तान में रक्तपात का दौर समाप्त हो गया है. इसने कहा कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने 2001 में अमेरिका के नेतृत्व में हुए हमले के बाद पिछली सरकारों के साथ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए तालिबान के माफी के वादे को दोहराया है.
अगस्त के मध्य में तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद पश्चिम समर्थित निर्वाचित नेतृत्व को अपदस्थ कर दिया था. अंतरिम मंत्रिमंडल में विद्रोही समूह के प्रमुख सदस्य शामिल हैं.
तालिबान के एक प्रवक्ता के हवाले से टोलो न्यूज ने बताया कि नई सरकार का नेतृत्व विद्रोही समूह के प्रमुख मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा द्वारा किया जाएगा.
प्रवक्ता ने अंतरिम सरकार में मुल्ला हिबतुल्लाह के पदनाम या राज्य के मामलों में उसकी भूमिका का खुलासा नहीं किया. तालिबान की अंतरिम सरकार के कम से कम 14 सदस्यों के नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद संबंधी काली सूची में शामिल हैं, जिनमें कार्यवाहक प्रधान मंत्री और दोनों उप-प्रधानमंत्रियों के नाम भी हैं. वैश्विक आतंकवादी के रूप में घोषित सिराजुद्दीन हक्कानी पर एक करोड़ डॉलर का का इनाम है, जिसे कार्यवाहक गृह मंत्री का पद मिला है.