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सत्ता परिवर्तन से पहले किले में बदला वॉशिंगटन, बुलाए गए हजारों सैनिक

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ लेने से पहले प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने राज्यों के गर्वनरों से नेशनल गार्ड के अधिकाधिक जवानों को भेजने की अपील की थी जिससे कि शहर के ज्यादातर हिस्से में शपथ ग्रहण से पहले लॉकडाउन लगाया जा सके.

सुरक्षा के मद्देनजर वॉशिंगटन बुलाए गए हजारों सैनिक, राज्यों के संसद भवनों की सुरक्षा भी सख्त
सुरक्षा के मद्देनजर वॉशिंगटन बुलाए गए हजारों सैनिक, राज्यों के संसद भवनों की सुरक्षा भी सख्त

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Published : Jan 17, 2021, 1:25 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 2:21 PM IST

वॉशिंगटन : वॉशिंगटन में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर रक्षा अधिकारियों द्वारा और सैनिकों को भेजने की मांग के बाद बड़ी संख्या में सैनिक विभिन्न राज्यों से बसों और विमानों के जरिए शनिवार को राजधानी में आने लगे.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ लेने से पहले प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने राज्यों के गर्वनरों से नेशनल गार्ड के अधिकाधिक जवानों को भेजने की अपील की थी जिससे कि शहर के ज्यादातर हिस्से में शपथ ग्रहण से पहले लॉकडाउन लगाया जा सके.

वॉशिंगटन में बुलाए गए हजारों सैनिक

गौरतलब है कि छह जनवरी को अमेरिकी संसद भवन कैपिटल पर भीड़ ने हिंसक धावा बोला था. उसी घटना को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि हिंसक कट्टरपंथी समूह शहर को निशाना बना सकते हैं. सशस्त्र घुसपैठियों के आने तथा विस्फोटक उपकरण लगाने जैसी आशंका भी जताई गई है.

वाशिंगटन में अगले हफ्ते की शुरुआत तक 25,000 से अधिक सैनिकों के आने का अनुमान है.

लेकिन इसके साथ ही राज्यों के संसद भवनों में हिंसा की आशंका के संबंध में चिंता जताई जा रही है.

अधिकारियों के मुताबिक बीते 72 घंटों में कम से कम 7,000 सैनिक मैरीलैंड में ज्वाइंट बेस एंड्रूज पहुंचे. कई हजार सैनिक बसों और सेना के ट्रकों में सवार हैं और वाशिंगटन आ रहे हैं.

सेना संबंधी मामलों कें मंत्री रायन मैक्कर्थी ने गर्वनरों से मदद मांगी थी.

एफबीआई ने भी सभी राज्यों के संसद भवनों में हिंसक हमलों की आशंका जताई है. रविवार को हमलों की आशंका के मद्देनजर सभी राज्यों की राजधानियों में हथियारों से लैस सैनिकों को तैनात किया गया है. पूरे अमेरिका के सभी राज्यों के संसद भवनों में भारी भरकम हथियारों से लैस जवानों को तैनात किया गया है.

लोकतंत्र के प्रतीक ये भवन वैसे ही लग रहे हैं जैसे कि युद्धग्रस्त देशों में भारी सुरक्षा के बीच अमेरिकी दूतावास होते हैं.

गर्वनरों ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी है. राज्यों के संसद भवनों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है.

ऐसी आशंका है कि प्रदर्शनकारी रविवार से राज्यों के संसद भवनों की ओर आना शुरू कर सकते हैं.

Last Updated : Jan 17, 2021, 2:21 PM IST

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