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कोरोना ने 15 लाख से अधिक बच्चों के सिर से छीना माता-पिता का साया

एक रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना महामारी के पहले 14 महीनों के दौरान 1,19,000 भारतीय बच्चों ने माता-पिता या अपने अभिभावकों को खोया दिया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 21, 2021, 12:23 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 4:15 PM IST

वॉशिंगटन :कोरोना वायरस महामारी के पहले 14 महीनों के दौरान भारत के 1,19,000 बच्चों समेत 21 देशों में 15 लाख से अधिक बच्चों ने संक्रमण के कारण अपने माता-पिता या उन अभिभावकों को खो दिया जो उनकी देखभाल करते थे.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज (एनआईडीए) और नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अध्ययन में कहा गया है कि भारत में 25,500 बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपनी मां को खो दिया जबकि 90,751 बच्चों ने अपने पिता को और 12 बच्चों ने माता-पिता दोनों को खो दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, 2,898 भारतीय बच्चों ने अपने संरक्षक दादा-दादी/नाना-नानी को खो दिया जबकि नौ बच्चों ने इनमें से दोनों को खो दिया. रिपोर्ट में कहा गया है, 'मौत में लिंग और उम्र का पता लगाने पर हमने पाया कि दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर बाकी देशों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की मौत अधिक हुई खासतौर से अधेड़ उम्र और बुजुर्ग माता-पिता की.'

इस अध्ययन के आकलन के अनुसार, दुनियाभर में 11,34,000 बच्चों ने अपने माता-पिता या संरक्षक दादा-दादी/नाना-नानी को कोविड-19 के कारण खो दिया. इनमें से 10,42,000 बच्चों ने अपनी मां, पिता या दोनों को खो दिया. ज्यादातर बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक को गंवाया है.

एआईएच ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा कि कुल मिलाकर 15,62,000 बच्चों ने माता-पिता में से कम से कम एक या देखभाल करने वाले लोगों में से किसी एक को या अपने साथ रह रहे दादा-दादी/नाना-नानी (या अन्य बुजुर्ग रिश्तेदार) को खो दिया.

इसमें कहा गया है कि जिन देशों में सबसे अधिक बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खोया है उनमें दक्षिण अफ्रीका, पेरू, अमेरिका, भारत, ब्राजील और मेक्सिको शामिल हैं. देखभाल करने वाले प्राथमिक लोगों में कोविड के कारण मौत की दर वाले देशों में पेरू, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, ब्राजील, कोलंबिया, ईरान, अमेरिका, अर्जेंटीना और रूस शामिल हैं.

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एनआईडीए की निदेशक नोरा डी वोल्कोव ने कहा, 'माता-पिता या देखभाल करने वाले व्यक्ति को खोने के बाद कोई भी बच्चा भयानक तनाव से गुजरता है, इसके सबूतों के आधार पर समय रहते कुछ कदम उठाए जा सकते हैं जो आगे परिस्थितियों को और बिगड़ने से रोक सकते हैं जैसे कि मादक पदार्थ का इस्तेमाल करना और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे इन सब चीजों से दूर रहे.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 21, 2021, 4:15 PM IST

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