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कनाडा में संसदीय चुनाव शुरू, पीएम ट्रूडो की सत्ता खतरे में - कनाडा में प्रधानमंत्री का चुनाव

कनाडा में आज संसदीय चुनाव शुरू हो गए है. कनाडा के समय अनुसार सुबह 8.30 बजे से चुनाव शुरू हो गया है. इस चुनाव में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी चुनाव में हार सकती है. ऐसे में ट्रूडो को सत्ता में बने रहने के लिए विपक्षी पार्टी पर निर्भर रहना पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो

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Published : Oct 21, 2019, 4:52 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 10:45 PM IST

टोरंटो : कनाडा में सघन चुनाव अभियान के बाद सोमवार को नई संसद का चुनाव हो शुरू हो गया है. कनाडा के समय अनुसार सुबह 8.30 बजे से चुनाव शुरू हो गया है. इस चुनाव में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सत्ता से बाहर होने का खतरा है.

कनाडा में सघन चुनाव अभियान के बाद एक नई संसद का चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में कनाडा की संसद यानी हाउस ऑफ कॉमंस में कुल 338 सीटें हैं. किसी भी पार्टी को बहुमत की सरकार बनाने के लिए 170 सीटों की जरूरत है. जस्टिन ट्रूडो ने सर्वाधिक चुनाव अभियान ओंटारियो से किया, जे की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है. कुल 338 सीटों में से 108 सीटे ओंटारियो की हैं. इसमें से 76 सीटें लिबरल पार्टी के पास हैं.

कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो.

इस चुनाव में तीन मुख्य पार्टियां शामिल हैं. इसमें प्रधानमंत्री ट्रूडो की लिब्रल पार्टी, एंड्रयू शीयर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी और भारतीय मूल के जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी शामिल है. जगमीत सिंह लिब्रल पार्टी का समर्थन कर रहे हैं. जगमीत सिंह पेशे से वकील हैं और कनाडा में रहने वाला सिख समुदाय का एक बड़ा तबका उन्हे पसंद करता है.

ट्रूडो ने अपने उदारवादी पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की अपार लोकप्रियता को आगे बढ़ाते हुए 2015 का चुनाव जीता था, लेकिन घोटाले और लोगों की भारी उम्मीदों ने उनकी सम्भावनाओं को नुकसान पहुंचाया है.

चुनावों से संकेत मिल रहे हैं कि ट्रूडो की लिबरल पार्टी प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी से हार सकती है, या शायद जीत भी जाए तो भी संसद में बहुमत पाने में नाकाम रह सकती है. ऐसे में उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए विपक्षी पार्टी पर निर्भर रहना पड़ेगा.

बता दें, पिछले 84 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि पूर्ण बहुमत के साथ पहली बार कनाडा का प्रधानमंत्री बना कोई व्यक्ति अगले चुनाव में हार गया हो.

ट्रुडो ने कनाडा में करीब 10 साल तक कंजर्वेटिव पार्टी के शासन के बाद 2015 में उदारवादी सरकार बनाई थी और वह दुनिया के चुनिंदा उदारवादी नेताओं में एक हैं.

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शायद ट्रूडो को समझ आ गया है कि उनकी सत्ता उनसे छिन सकती है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कनाडाई लोगों से ट्रूडो को फिर से चुनने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि कनाडा को एक प्रगतिशील नेतृत्व की आवश्यकता है.

ट्रूडो को इस साल हुए एक घोटाले से भी जूझना पड़ रहा है, जिसमें उनकी पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि उन्होंने क्यूबेक कम्पनी के मुकदमे को रोकने के लिए उन पर दबाव डाला. इस बारे में ट्रूडो ने अपनी सफाई में कहा कि वह नौकरियां बचाना चाहते थे, फिर भी इस घटना से उन्हें नुकसान हुआ और एंड्रयू शीयर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को बढ़त मिली.

बीते बुधवार को हुए थे अग्रिम चुनाव
बता दें, कनाडा में इस सप्ताहांत में 16 अक्टूबर को हुए अग्रिम चुनावों के बारे में माना जा रहा है कि इसमें 47 लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है. इलेक्शंस कनाडा ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़ों के अनुसार इस बार मतदान में साल 2015 में हुए मतदान के मुकाबले 29 प्रतिशत बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. साल 2015 के मतदान में 36.5 लाख कनाडाई मतदाताओं ने अग्रिम मतदान में वोट दिया था.

शुक्रवार को शुरू हुए मतदान पूरे सप्ताहांत तक चले. इलेक्शंस कनाडा के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को 12.4 लाख वोट डाले गए, वहीं सोमवार को छुट्टी के दिन 16 लाख मतदाताओं ने वोट डाले. इसके अलावा शनिवार को 9,77,000 और रविवार को 9,15,000 वोट पड़े.

मुख्य चुनाव अधिकारी स्टीफन पेरॉल्ट ने एक प्रेस रिलीज में कहा, 'ज्यादा से ज्यादा, कनाडाई अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए अग्रिम मतदान के मौके का फायदा उठा रहे हैं.' पेरॉल्ट ने कहा कि मनीटोबा में बर्फीले तूफान के कारण वहां मतदान पर प्रभाव पड़ा. इलेक्शंस कनाडा प्रांत में अतिरिक्त संसाधनों की तैयारी कर रहा है जिससे 21 अक्टूबर को सभी लोग वोट दे सकें.

Last Updated : Oct 21, 2019, 10:45 PM IST

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