वॉशिंगटन:26 अगस्त को काबुल हमले में शहीद 13 जवानों के शव रविवार को अमेरिका पहुंचे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन स्वयं इन शवों को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे थे.
इससे पहले बाइडेन ने काबुल हवाई अड्डे के पास हुए हमले में मारे गए 13 अमेरिकी जवानों के शोक-संतृप्त परिवारों से मुलाकात की. बता दें, हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के पार्थिव शरीर अफगानिस्तान से अमेरिका लाये गए थे.
अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे के पास आत्मघाती हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के पार्थिव शरीर डोवर एयरफोर्स बेस पर लाये गए और इस दौरान आयोजित सैन्य कार्यक्रम में बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन भी शामिल हुईं.
जानकारी के मुताबिक हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों की आयु 20 से 31 साल के बीच थी. मारे गए अमेरिकी सैनिकों में व्योमिंग निवासी 20 वर्षीय एक मरीन शामिल है, जिसकी पत्नी करीब तीन सप्ताह में अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली है. साथ ही इसमें 22 वर्षीय एक नेवी कोरमैन भी शामिल है, जिसने अपनी मां के साथ अपनी अंतिम बातचीत में उसे आश्वासन दिया था कि वह सुरक्षित रहेगा. हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों में पांच की आयु केवल 20 साल थी.
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बाइडेन ने शनिवार को एक बयान में कहा था कि जिन 13 सैनिकों को हमने खोया, वे ऐसे नायक थे जिन्होंने हमारे सर्वोच्च अमेरिकी आदर्शों के लिए और दूसरों की जान बचाते हुए अपना बलिदान दिया. उनकी बहादुरी और नि:स्वार्थता ने अब तक 1,17,000 से अधिक लोग सुरक्षित हुए हैं. मारे गए अमेरिकी सैनिकों के परिजन भी ऐसे मौके पर आमतौर पर डोवर में उपस्थित रहते हैं. राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन पहली बार ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल हुए.