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क्वाड शिखर सम्मेलन पर बोले जो बाइडेन- सभी को यह एक अच्छा समझौता लगा - joe biden comments on quad summit

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई बैठक में 'क्वाड' समूह के नेताओं ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया है. 'क्वाड' समूह का यह पहला शिखर सम्मेलन था. इसमें भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्राी योशिहिदे सुगा ने हिस्सा लिया.

joe biden comments on quad summit
क्वाड समूह का पहला शिखर सम्मेलन

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Published : Mar 15, 2021, 10:19 AM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि चार देशों की सदस्यता वाले 'क्वाड' समूह के नेताओं के पहले डिजिटल शिखर सम्मेलन में सब अच्छा रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने शुक्रवार को हुई इस 'चतुष्पदीय सुरक्षा वार्ता' में भाग लिया था.

बाइडेन ने क्वाड शिखर सम्मेलन पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए रविवार को संवाददाताओं से कहा कि इसमें सब बहुत अच्छा रहा. ऐसा लगता है कि सभी को यह एक अच्छा समझौता लगा. बाइडेन ने शिखर सम्मेलन में चीन को एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा था कि एक 'मुक्त और खुला' हिंद-प्रशांत क्षेत्र आवश्यक है. उन्होंने कहा था कि अमेरिका स्थिरता की स्थिति हासिल करने के वास्ते क्षेत्र में अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बाइडेन ने कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए 'क्वाड' महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है और सहयोग बढ़ाने में यह एक नया तंत्र बनकर उभरा है. बाइडेन ने परोक्ष तौर पर चीन की ओर इशारा करते हुए कहा था, हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं. हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा संचालित है, हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है और दबाव से मुक्त हैं. मैं हमारी संभावनाओं के बारे में आशावादी हूं. चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है, लेकिन वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं. पूर्वी चीन सागर में दावे को लेकर चीन और जापान के बीच विवाद है.

'क्वाड' के नेताओं ने शिखर सम्मेलन के बाद 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में छपे एक लेख में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए इस बात पर पुन: जोर दिया कि वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह क्षेत्र सभी के लिए सुगम हो और नौवहन की स्वतंत्रता एवं विवादों के शांतिपूर्ण समाधान जैसे मूल सिद्धांतों एवं अंतराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार इसका संचालन हो. उन्होंने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि यह हाल के इतिहास में स्वास्थ्य एवं आर्थिक स्थिरता को सबसे बड़ा खतरा है और क्वाड देशों को इससे निपटने के लिए मिलकर काम करना होगा.

पढ़ें:मुक्त, खुले, सुरक्षित एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्ध हैं: क्वाड नेता

नेताओं ने कहा कि हम भारत में सुरक्षित, सुगम और प्रभावशाली टीकों का उत्पादन तेज करने और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लेते हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर चरण पर मिलकर काम करेंगे कि 2022 तक पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टीकाकरण हो जाए. क्वाड ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक पहल को अंतिम रूप दिया, जिसके तहत भारत में बड़ा निवेश किया जाएगा, ताकि उसकी कोविड-19 टीके बनाने की क्षमता बढ़ सके और वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निर्यात के लिए 2022 तक एक अरब टीके बना ले. इसे चीन की टीके संबंधी कूटनीति का जवाब देने के लिए अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

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