वॉशिंगटन :अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एक भारतीय-अमेरिकी राहुल दुबे ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल 70 से अधिक लोगों को अपने घर में पनाह दी. उन्होंने अजनबियों को पुलिस के चंगुल से बचाया और उनके हीरो बन गए.
आपको बता दें कि मिनियापोलिस में पिछले सप्ताह 46 साल के अफ्रीकी-अमेरिकी फ्लॉयड की मौत से अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी नागरिक अशांति पैदा हुई है. वॉशिंगटन डीसी में रहने वाले राहुल दुबे ने अपने घर में बड़ी संख्या में लोगों को पनाह दी. इस दौरान कुछ सोफे पर, कोई कमरे में तो किसी ने बॉथटब में आराम किया.
राहुल ने बताया, 'मेरे घर पर लगभग 75 लोग हैं. कुछ को सोफे पर जगह मिल गई है. यहां एक परिवार से मां और बेटी है, जिन्हें मैंने अपने बेटे का कमरा दे दिया है ताकि वे वहां आराम कर सकें.
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राहुल दुबे ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में एस्क्वायर पत्रिका को बताया कि वे एक-दूसरे का समर्थन कर रहे हैं.
सोमवार के विरोध प्रदर्शन के अगले दिन दुबे प्रमुख समाचार मीडिया आउटलेट्स में दिखे, जिसमें एक रक्षक के रूप में उनका स्वागत किया गया. अजनबियों को शरण देने के बाद उन्होंने इसके बारे में ट्वीट करना शुरू कर दिया था.
'ब्लैक लाइव्स मैटर' कार्यकर्ता का ट्वीट
एक 'ब्लैक लाइव्स मैटर' कार्यकर्ता ने ट्विटर पर लिखा, 'उन्होंने इसे शांतिपूर्ण लड़ाई नहीं छोड़ने और शांत रखने के बारे में एक प्रेरणादायक भाषण के साथ समाप्त किया है. धन्यवाद, राहुल.'
प्रदर्शनकारी एलिसन लेन का ट्वीट
प्रदर्शनकारी एलिसन लेन ने ट्वीट कर कहा,' पुलिस द्वारा काली मिर्च छिड़कने और खटखटाने के बाद मैं डीसी के घर पर हूं. इस घर में लगभग 100 लोग रहते हैं, जो कि पुलिस से घिरा हुआ है. इस गली के सभी पड़ोसियों ने अपने दरवाजे खोल दिए और प्रदर्शनकारियों को भड़का रहे हैं. पुलिस ने हमें इस गली में घेर लिया और हमें नीचे गिरा दिया.'