वॉशिगंटन :अमेरिका के संभावित विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन का मानना है कि भारत और अमेरिका 'तेजी से मुखर' होते चीन के रूप में एक समान चुनौती का सामना करते हैं. चीन के साथ मजबूत स्थिति को बनाए रखकर वार्ता करने के लिए नई दिल्ली को अमेरिका का एक अहम साझेदार होना चाहिए.
ब्लिंकेन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी गठबंधन को कमजोर कर चीन के महत्वपूर्ण रणनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद की और दुनिया में शून्यता छोड़ी, ताकि चीन उसे भर सके.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ट्रंप ने अमेरिकी मूल्यों को छोड़ा और हांगकांग में लोकतंत्र को कुचलने के लिए हरी झंडी दिखाई.
ब्लिंकेन ने जो बाइडेन के प्रशासन में अमेरिका-भारत के रिश्ते और भारतीय अमेरिकियों पर आयोजित एक डिजिटल पैनल चर्चा में भारतीय मूल के लोगों से कहा कि हमारी एक समान चुनौती तेजी से मुखर होते चीन से निपटने की है, जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के प्रति उसकी आक्रामकता शामिल है.
उन्होंने कहा कि चीन अपनी आर्थिक ताकत के दम पर दूसरों को दबाना चाहता है. वह अपने हितों का विस्तार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों को नजरअंदाज कर रहा है तथा बेबुनियाद समुद्री और क्षेत्रीय दावे कर रहा है. इससे विश्व के कुछ अहम सागरों में नौवहन की स्वतंत्रता पर खतरा पैदा हुआ है.
भारत और चीन के बीच मई से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध चल रहा है.
ब्लिंकेन, बाइडेन के उपराष्ट्रपति रहने के दौरान उनके विदेश नीति सलाहकार थे. उन्होंने हांगकांग में चीनी कार्रवाई का हवाला दिया था और इसे अपने लोगों के अधिकारों और लोकतंत्र का दमन बताया था.
ब्लिंकेन ने कहा था कि हमें एक कदम पीछे हटना होगा और खुद को उस मजबूत स्थिति में रखना होगा, जहां से हम चीन से वार्ता कर सकें, ताकि रिश्ते हमारी शर्तों पर आगे बढ़ें न कि उनकी शर्तों पर.