कोलंबस (अमेरिका) : अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जब यह चेतावनी दी थी कि मिनियापोलिस में लुटेरों को गोली मार दी जाएगी, तब फेसबुक पर पिछले साल 28 मई की रात नफरत भरे और हिंसक पोस्ट की बाढ़ आनी शुरू हो गई थी.
उल्लेखनीय है कि मिनियापोलिस पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन द्वारा 46 वर्षीय अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉएड की गर्दन आठ मिनट से अधिक समय तक घुटनों से जमीन पर दबाये रखने के बाद उसकी मौत हो गई थी. राहगीरों द्वारा बनाया गया इस घटना का वीडियो लाखों बार ऑनलाइन देखा गया. मिनिसोटा के सबसे बड़े शहर में प्रदर्शन हुए और यह जल्द ही पूरे अमेरिका में फैल गए.
पूर्व राष्ट्रपति के सोशल मीडिया पोस्ट के आंतरिक कपंनी विश्लेषण के खुलासे के मुताबिक लेकिन यह तब तक नहीं फैला था जब तक कि ट्रंप ने इस सिलसिले में सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं डाली थी.
उन्होंने 28 मई को पूर्वाह्न नौ बज कर 53 मिनट पर अपने ट्विटर और फेसबुक पोस्ट में कहा था, 'ये लुटेरे जार्ज फ्लॉएड का अपमान कर रहे हैं और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा.' उन्होंने कहा था, 'कोई समस्या आने पर हम उसे नियंत्रित कर लेंगे लेकिन जब लूटपाट शुरू होगी, तब गोलीबारी भी शुरू हो जाएगी.' ट्रंप के ट्विटर और फेसबुक अकाउंट तब बंद कर दिये गये थे.
फेसबुक के लीक दस्तावेजों से यह पता चलता है कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट ने पहले से विभाजित देश में और अधिक गुस्सा भड़काया था. फेसबुक के अपने आंतरिक विश्लेषण में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि करीब 90 प्रतिशत सच है कि ट्रंप के संदेश ने कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया. फिर भी, फेसबुक ने ट्रंप के संदेश के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. वहीं, अगले दिन कुछ प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया और इसने अमेरिका के लगभग हर छोटे -बड़े शहर को अपनी चपेट में ले लिया.